रांची : लालपुर थाने में मुबारक हुसैन नामक व्यक्ति ने आवेदन देकर बताया है कि उसके साथ दुबई में काम दिलाने के नाम पर एक लाख रुपये की ठगी की गयी है. इसके साथ ही दुबई पहुंचने पर शारीरिक यातनाएं भी दी गयी. किसी तरह वह भारत लौट पाया है. मुबारक ने लालपुर थाने में आवेदन देकर इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
रांची के थड़पखना का रहनेवाला है पीड़ित मुबारक
मुबारक ने बताया है कि वह मीर मंजूर हुसैन का बेटा है और लालपुर थाना क्षेत्र के थड़पकना मस्जिद के बगल में रहता है. मुबारक बिजली मिस्त्री का काम करता है. उसने बताया है कि हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के सम्राट काम्पलेक्स, सेंट्रल स्ट्रीट, रूप महल के सामने रहनेवाले मजाज अनवर एक दिन घर आए और बड़े भाई और पिता को प्रलोभन दिया कि मुबारक को दुबई भेजिये वहां बिजली मिस्त्री की बहुत जरूरत है. पैसा भी बढ़िया मिलेगा.
इलेक्ट्रीशियन का काम दिलाने का शुल्क एक लाख लगेगा
मजाज अनवर ने यह भी बताया कि मैं और मेरे साथी दुबई में काम दिलाने का कन्सलटेन्सी चलाते हैं. दुबई में इलेक्ट्रीशियन का काम दिलाने का शुल्क 1,00,000/- (एक लाख) रुपया मात्र लगेगा. 60 प्रतिशत काम दिलाने के पूर्व लगेगा और जब दुबई में काम मिल जायगा और मासिक मजदूरी मिलेगी तो 40 प्रतिशत देना होगा. हम सभी अच्छे वेतन के नौकरी के प्रलोभन में आकर हामी भर दिये.
डोरण्डा निवासी इरशाद हुसैन ने दुबई में रह रही बेटी से बात करायी
दो दिन बाद मजाज अनवर, डोरण्डा निवासी इरशाद हुसैन के साथ मेरे घर आया और इरशाद हुसैन ने मजाज अनवर द्वारा उपरोक्त कहे बातों पर अपनी सहमति दी तथा इरशाद हुसैन ने कहा कि मेरी बेटी अदीवा इरशाद दुबई में ही रहती है वह दुबई में काम दिलाने में तुम्हारी (मेरी) मदद करेगी. मेरे बड़े भाई से मोबाइल फोन पर अपनी बेटी अदीवा इरशाद से बात भी करायी. अदीवा इरशाद भी कहा कि एक लाख रुपया लगेगा यहां इलेक्ट्रीशियन की नौकरी दिला देंगे.
कहने पर एक लाख एकाउंट में ट्रांसफर किये
इरशाद हुसैन और अदीदा इरशाद के बातों में विश्वास कर उनके द्वारा माँगे गए 1,00,000/- (एक लाख रुपए) का अग्रिम भुगतान 55,000 मात्र का भुगतान एकाउन्ट ट्रान्सफर मजाज का खाता सं-रइ-921010033705472 में दिनांक 14 सितम्बर 2022 को किया.
27/9 को दिल्ली से शारजाह तक गया
दिल्ली से 27.09.2022 को रात्रि 1.00 बजे हवाई जहाज से शारजाह तक गया. वहाँ से इरशाद हुसैन की बेटी अदीवा के आदमी (खालिद) मुझे कार द्वारा दुबई ले गये. दुबई में एक कन्सलटेन्सी आॅफिस में अदीवा इरशाद से भेंट हुई. अदीवा इरशाद के कहने पर उसके सामने एक आदमी (जिसका नाम वाहिद है) ने मुझसे 2,000/(दो हजार दीरहम – लगभग 45 हजार) जबरन ले लिया. उससे पासपोर्ट भी लेने की कोशिश की गयी. वहां से पुन: शारजाह लाकर एक आठ गुणा आठ फीट के कमरे में जहां पूर्व से आठ मेरे जैसे नौकरी हेतु लोग थे, वहां कुछ दिन रखा. वहाँ मुझे दो दिन कुछ खाने को नहीं दिया.
लोहरदगा के व्यक्ति ने की मदद
बताया कि जब वह खाना खाने के लिए किसी तरह बाहर बाजार निकलाए तो शारजाह में ही एक लोहरदगा के व्यक्ति से भेंट हुई मदद की. मैं अपने भाई से मोबाइल से सम्पर्क किया. भाई ने मेरी भारत का टिकट बनवा कर भेजा. उस लोहरदगा वाले व्यक्ति की मदद से 04.10.2022 को शारजाह से भारत लौटा.
