यही है संविधान की खूबसूरती एक आदिवासी ने एक आदिवासी को दिलाई थी शपथ आज एक आदिवासी ने खुद लिया राष्ट्रपति पद की शपथ
29 दिसंबर 2019 का दिन था , जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को माननीय द्रौपदी मुर्मू जी ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और आज का दिन है जब खुद द्रौपदी मुर्मू देश ने देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद की शपथ ली I बाबा साहब द्वारा निर्माण किए गए संविधान की यही खुबसूरती है की देश के लोगो को धर्म जाति समुदाय भाषा के आधार पर बांटा नहीं गया बल्कि सभी को एक समान अधिकार और सम्मान दिया गया I देश का आदिवासी समुदाय जिसे हमेशा से ऐसी नजर से देखा गया की यह तो जल जंगल जमीन की बात करने वाला है , जंगलों से कंद मूल खाकर गुजारा करने वाला है , ये आदिवासी क्या करेंगे ? लेकिन अब वक्त बदल चुका है , अब आदिवासी देश का प्रथम नागरिक है और यह सम्मान हमे संविधान ने दिलाया है I जहां एक ओर माननीय द्रौपदी मुर्मू जी ने देश में अपना लोहा मनवाया है वहीं झारखण्ड में अपनी कर्तव्यनिष्ठा से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अपना लोहा मनवा रहे है I लगातार झारखण्ड को अपने नेतृत्व में कामयाबी की ओर लेकर बढ़ रहे है , आदिवासियों अल्पसंख्यक को आज झारखण्ड में अधिकार मिल रहा है जो समाज शुरू से ही अपने मूलभूत अधिकारों और सम्मान को लेकर वंचित रहा करता था , जिन्हे हमेशा उपेक्षा की नजर से देखा जाता था , आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन वंचितों की आवाज बन चुके है और यह अधिकार भी हमे हमारे संविधान ने ही दिया है I