मंगलवार को पंकज मिश्राकी जमानत की सुनवाई हुई| अवैध खनन से प्राप्त 1000 करोड़ रुपये से अधिक अवैध कमाई का मनी लाउंड्रिंग करने के मामले में आरोपी जेल में है| ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। 8 जुलाई को ईडी ने पंकज मिश्रा के साहिबगंज, राजमहल, बरहड़वा, मिर्जाचौकी, बरहेट और उधवा के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में पंकज मिश्रा के पास से नगद 5 करोड़ 34 लाख रुपये और अहम दस्तावेज मिले थे। पंकज मिश्रा 126 दिनों से जेल में है। पंकज मिश्रा ने 17 अक्तूबर को जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से वह जेल में है।
यही नहीं ईडी को पंकज मिश्रा के 37 बैंक खातों में 11 करोड़ 47 लाख रुपये जमा होने की जानकारी मिली थी जिन्हें ईडी ने जब्त कर लिया। पूरी कार्रवाई के दौरान ईडी को 30 करोड़ रुपये की कीमत वाला एक मालवाहक जहाज भी मिला था जिसके जरिए बोल्डर और स्टोन चिप्स की अवैध ढुलाई की जाती थी। बीच में पंकज मिश्रा की रिम्स में इलाज भी चली।
इतना ही नहीं ईडी को यह भी पता चला है की रिम्स में इलाज के दौरान पंकज मिश्रा फोन के जरिए कुछ वरीय अधिकारियों के संपर्क में था। यहा तक की वह मुख्यमंत्री का नाम लेकर फोन पर कई लोगों को धमकाता भी था। ईडी ने ये भी बताया की साहिबगंज में फेरी सर्विस जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने की जब जांच रिपोर्ट होने वाली थी उष वक़्त दुमका के तात्कालीन कमिश्नर को भी फ़ोन कर हड़काया था। फ़ोन कर कहा था कि साहिबगंज डीसी ने जो रिपोर्ट सौंपी है उस पर ज्यादा जवाब-सवाल मत कीजिए। कहा जा रहा है इन सब बत्तों को लेकर कोर्ट से जमानत पर इनकार किया जा सकता है|