वैश्विक महामारी कोविड-19 से आज पूरा विश्व लड़ रहा है। हाथों में सैनिटाइजर मुंह पर मास्क लगाए हुए 2 गज की दूरी भी जरूरी हो गई है। आवाम वैश्विक महामारी में अपनों से तो दूर हो ही गया है। बाकी कसर लॉकडॉन से पूरी हो गई है और जहां जीवन जीने के लिए भोजन की आवश्यकता नजर आती है वहीं दूसरी तरफ बढ़ती बेरोजगारी के साथ बचत पर चोट से आगे कुआं पीछे खाई जैसी स्थिति बनती नजर आ रही हैं । समय रहते सरकार के द्वारा वैश्विक महामारी के नियंत्रण हेतु ठोस कदम नहीं उठाया गया तो देश के अंदर एक भूचाल आता नजर आ रहा है आज हमारा रांची भी इससे अछूता नहीं है कहीं ऑक्सीजन की कमी तो कहीं बेड नदारद दिखते हैं वही दवाओं का तो काला बाजारी नजर आता है आखिर हम किस ओर बढ़ रहे हैं यह गहन मंथन का विषय बनता जा रहा है जिस पर निदान की दिशा में बढ़ते हुए यथाशीघ्र उबरने की कोशिश करनी चाहिए।
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