झारखंड में पहली बार सीआईडी यानि अपराध अनुसंधान विभाग ने करोड़ों रुपए गबन के आरोपी को सजा दिलाई है. इससे पहले आज तक सीआईडी बड़े मामलों में जांच पूरी कर किसी आरोपी को सजा नहीं दिला पायी है, सीआईडी के तत्कालीन एडीजी अनिल पालटा के नेतृत्व में झारखंड सीआईडी ने कॉपरेटिव बैंक से हुए करोड़ों गबन के मामले की जांच पूरी कर आरोपियों को सजा दिलाने में कामयाबी हासिल की है. चाईबासा स्थित एसीबी कोर्ट ने झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक के सरायकेला शाखा से हुए 4.44 करोड़ रुपये की अवैध निकासी और घोटाले के मामले में बुधवार को आरोपी संजय कुमार डालमिया उर्फ पिंटू डालमिया, बैंक के उस वक्त शाखा प्रबंधक रहे सुनील सतपति, सहायक पद पर कार्यरत मदन लाल प्रजापति, तत्कालीन एजीएम मुक्यालय संदीप सेनगुप्ता को दोषी करार दिया है. इस मामले में सजा बाद में सुनायी जायेगी. इस केस में सीआईडी की ओर से जांच की गयी थी. सीआइडी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिला अंतर्गत हीरापुर थाना क्षेत्र के रंगपुरा के नर्सिंगबांध, मलिकपाड़ा नियर बालाजी धाम से गिरफ्तार किया था. सरायकेला थाना कांड संख्या- 118/2019 प्राथमिकी अभियुक्त संजय कुमार डालमिया को तत्कालीन सीआइडी डीएसपी अनिमेष गुप्ता के नेतृत्व में गिरफ्तार किया था. संजय के कई साल से फरार चल रहे थे. बताते चलें कि संजय कुमार डालमिया सरायकेला नगर पंचायत के वार्ड नंबर 6 के निवासी हैं. उनसे पहले गिरफ्तार होने वालों में बैंक मैनेजर सुनील कुमार सत्पथी, कर्मचारी मंशा राम महतो और मदन लाल प्रजापति शामिल हैं. झारखंड राज्य सहकारी बैंक में 2.50 करोड़ के घोटाले में शामिल मुख्य आरोपी विजय कुमार सिंह को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी. चाईबासा विजिलेंस कोर्ट ने विजय सिंह को सजा सुनाई है. बता दें कि झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के सरायकेला शाखा से हुए 2.50 करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपी विजय कुमार को सरायकेला पुलिस ने बीते 25 अगस्त 2020 गिरफ्तार किया था. पुलिस ने विजय कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस घोटाले में तीन लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है. 2.50 करोड़ के घोटाले की जांच पिछले दिनों सीआईडी ने टेकओवर किया था और इसकी जांच कर रही है. पूरे मामले की सीआइडी जांच चल रही है. गौरतलब है कि इससे पहले झारखंड सहकारिता बैंक सरायकेला शाखा में 38 करोड़ घोटाले का खुलासा हुआ था. जिसकी जांच पहले से ही सीआईडी के द्वारा की जा रही है.