थड़पखना मुहर्रम कमेटी के जानिब से शनिवार को जिक्र ए शहादत हुसैन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।

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थड़पखना मुहर्रम कमेटी के जानिब से शनिवार को जिक्र ए शहादत हुसैन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। थड़पखना उर्दू प्राइमरी स्कूल में आयोजित इस जलसे में इमाम व खतीब मौलाना मो इरशाद ने कर्बला की जंग पर रौशनी डाली। उन्होंने अपने तकरीर में कहा कि इमाम ए हुसैन की शहादत ने इस्लाम की अजमत को कयामत तक के लिए बचा लिया। पूरी दुनिया को पैगाम दिया कि अन्याय व जुल्म के सामने सिर झुकाने से बेहतर है कि सिर कटा दिया जाए। नबी ए पाक के बताए इस्लाम को समझना है तो पहले कर्बला को जानना बेहद जरूरी है। हजरत इमाम ए हुसैन ने इंसानियत की हिफाजत के लिए खुद व अपने परिवार को कुर्बान कर दिया। कारी मुजीबुर्हमान ने ने इस्लाम में किरदार की अहमियत को समझाया। जमजम फतेहपुरी ने इमाम ए हुसैन की शान में कलाम पेश कर समा बांधा। इससे पूर्व कारी मोबिन ने तिलावते कुरआन पाक से जलसे का आगाज किया। मौके पर लोगों के बीच लंगर का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में रांची व आसपास के ग्रामीण इलाकों से लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के संचालन में खलीफा मोइज अख्तार भोलू, नायब खलीफा मुदर्सर नजर, शम्स तबरेज, मजहर अली सिद्दीकी, आजाद खान, अरबी, सलमान, अकबर, गुलाम गौस उर्फ शब्बा, सोनू, हाबला, गोलू, टिंकू, परवाज खान, आरिफ, चिकू, टिपू, डब्लू, जोफो, झललन, साहिल असर समेत अन्य लोग शामिल थे।

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