रांची 27 जून 2022
न्याय के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ताओं पर अन्याय बंद हो _दीपांकर
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी के खिलाफ आज वामदलों ,सामाजिक संगठनों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आज राजभवन तक नागरिक प्रतिवाद मार्च किया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर दमन क्यो मोदी सरकार जवाब दो, तिस्ता सीतलवाड को बिना शर्त रिहा करो, हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है के नारों लिखी तख्तियां लेकर कार्यकर्ता नागाबाबा खटाल से राजभवन तक प्रतिवाद मार्च किया। राजभवन पहुंच कर प्रतिवाद सभा किया गया। नागरिक प्रतीवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महा सचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज की अघोषित आपातकाल पैतालीस साल पहले थोपा गया आपतकाल से भी ज्यादा खतरनाक है। न्याय के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर दमनात्मक कार्रवाई कि जा रही है। आज राजधर्म निभाने के बजाय अधर्म का काम किया जा रहा है । झूठ और दमन के खिलाफ पुरा देश में आवाज बुलंद हो रहा है। खूंखार अपातकाल के खिलाफ लड़ाई देश की संविधान और लोकतंत्र को बचने का। संघर्ष है। अघोषित आपातकाल के खिलाफ भी लड़ाई लड़ेंगे और जीतेगें
सामाजिक कार्यकर्ता दयामणि बारला ने कहा की भीमा कोरेगांव से लेकर कई फर्जी घटनाओ को जोड़ कर फादर स्टैन स्वामी की हत्या तक कर दिया गया है । दमन और अन्याय के खिलाफ लडाई जारी रहेगी।
माकपा के। राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि राजनीतिक बंदियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर दमन का सिलसिला जारी है। अडानी अंबानी के हाथों देश को सौंपने की ही कड़ी है। नागरीक प्रतिवाद मार्च में माले।विधायक विनोद सिंह, राज्य सचिव मनोज भक्त, मिंटू पासवान,गीता मंडल,देवकी नंदन बेदिया, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास, मदन पाल, सिराज दत्ता, एलीना होरो, राइट टु फूड के अफजल अनीस ,नदीम खान, मानवाधिकार कार्यकर्त्ता, शशि कुमार, अंबिका यादव, अंकिता, नदीम खान, बी एन सिंह, त्रिलोकी कुमार, जगमोहन महतो, बिरजू राम, अशोक पासवान, राजकुमार यादव,शमीमा खातून सुषमा मेहता, प्रफुल लिंडा समीरदास, छात्र नेता तरुण, नौरीन अख़्तर, सोहेल आदी मुख्य रुप से शामिल थे। प्रतिवाद मार्च का संचालन नंदिता भट्टाचार्य ने किया
भुवनेश्वर केवट माले रांची