तीन साल के हेमंत सोरेन सरकार की सबसे प्रमुख उपलब्धि है नक्सल के गढ़ तक विकास को पहुंचाना| भाजपा सरकार में नक्सल इलाकों में विकास की जगह बकोरिया कांड जैसा फर्जी मुठभेड़ पहुंचा|
जानिए किन इलाकों तक मुख्यमंत्री ने पहुंचाया है विकास-
• सरायकेला – खरसावां जिला के ट्राई जंक्शन स्थित कुचाई थाना क्षेत्र के जम्बारो गांव.
• लातेहार जिले का लालमटिया डैम.
• गढ़वा जिले का बूढ़ा पहाड़ इलाका.
• खूंटी का तोरपा प्रखंड का जरिया पंचायत
झारखंड की सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने की विपक्ष (भाजपा) लगातार कोशिश में है. हर तरह के हथकड़े अपनाए जा रहे हैं. साजिश रचा जा रहा है. साथ ही भाजपा नेता लगातार हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार बढ़ाने का कथित आरोप लगा रहे हैं. लेकिन विपक्षी नेताओं को यह नहीं दिख रहा है कि हेमंत सरकार के तीन साल के कार्यकाल में झारखंड विकास की एक लंबी लकीर खींच रहा है. पहली बार राज्य के कई घोर नक्सल प्रभावित इलाकों तक विकास और वहां रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है. पूर्व की भाजपा सरकार भी कुछ ऐसा ही दावा किया गया. लेकिन सच्चाई यही है कि उस दौरान विकास नहीं बल्कि सरकार के शह पर फर्जी मुठभेड़ पहुंचा था. इसी फर्जी मुठभेड़ में बकोरिया कांड काफी चर्चित था.
जानें, हेमंत सोरेन सरकार के नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे विकास काम को.
हेमंत सोरेन सरकार में आज ऐसे कई उदाहरण हैं, जो बताता है कि किस तरह से नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास तेजी से पहुंच रहा है. सबसे पहले अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार लातेहार जिले की. कभी नक्सलवाद के लिए चर्चित इस जिले की पहचान अब पर्यटन से हो रही है. यहां स्थित ललमटिया डैम (जो प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता था) लगातार पर्यटकों को अपनी और खींच रहा है. पहले नक्सलवाद के डर से कोई भी बाहरी लोग यहां नहीं जाते थे. लातेहार दौरे के दौरान जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजर इस डैम पर पड़ी, तो उन्होंने लातेहार के उपायुक्त को इसके सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया. हेमंत सोरेन के निर्देश का ही असर था कि ललमटिया डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया.
सरायकेला – खरसावां जिला के ट्राई जंक्शन स्थित कुचाई थाना क्षेत्र के जम्बारो गांव.
पहली बार यहां पर विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया है, वह भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर. आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों के बीच कबंल, धोती, साड़ी तथा युवाओं को फुटबॉल, जर्सी, बूट, जूते एवं बच्चों के बीच कॉपी, कलम आदि बांटा गया. ग्रामीणों को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में बताया गया तथा समस्याओं के निराकरण से संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए गए. बता दें कि घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक यह इलाका कभी नक्सली कमांडर सी.सी.एम. अनल दा, असीम मंडल एवं आर.सी.एम. अमित मुंडा का गढ़ माना जाता था.