रांची। झारखंड की सरकार अच्छी शिक्षा को ले कर तरह तरह की कार्य कर रही है। जिसमें विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों को लेकर भी कार्य कर रही है। पारा शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने को लेकर संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा झारखंड के 61 हजार पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) को इपीएफ का लाभ पहुंचाने के लिए एक जनवरी 2023 इसकी शुरूवात करेगी। आपको बता दें झारखंड शिक्षा परिषद के प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्वीकृति दे दी है। इपीएफ के लिए छह फीसदी राशि सरकार व छह फीसदी पारा शिक्षक देंगे। शिक्षा मंत्री ने सोमवार को आवासीय कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मौके पर उन्होंने विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए फैसला हुआ कि पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जायेगी। शिक्षक का सेवा काल में निधन होने पर आश्रित को पांच लाख रुपये दिये जायेंगे। इसके अलावा कल्याण कोष से आवश्यकता अनुरूप बच्चों की पढ़ाई और इलाज के लिए भी राशि लेने का प्रावधान किया गया है। बैठक मे ये भी कहा गया के पारा शिक्षकों के आश्रित को अनुकंपा पर मिलने वाली नौकरी के प्रावधान में भी बदलाव किया जायेगा। इसके लिए सहायक आध्यापक नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। वर्तमान में पारा शिक्षक के आश्रित को शिक्षक के पद पर ही नियुक्ति का प्रावधान है। इसके लिए आश्रित को शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा व शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य होता है। नियमावली में तय योग्यता नहीं होने पर आश्रित को नौकरी नहीं मिल पाती है। नियमावली में अब शिक्षा परियोजना के अंतर्गत अन्य पदों पर भी आश्रितों की नियुक्ति का प्रावधान किया जायेगा। इसके साथ ही सहायक आचार्य नियुक्ति में पारा शिक्षक को ही 50 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षकों की आकलन परीक्षा की तैयारी की जानकारी ली। जिन पारा शिक्षकों ने सत्यापन के लिए प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है, उनकी सेवा समाप्त होगी। आकलन परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित है। शिक्षा परियोजना की ओर से बताया गया कि लगभग 80 फीसदी शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो गया है। बैठक में जैक की ओर से बताया गया कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होली के बाद ली जायेगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है।