रांची। झारखंड विधानसभा का शुक्रवार को बुलाया गया विस्तारित सत्र ऐतिहासिक रहा। इस सत्र में हेमंत सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और 77 प्रतिशत तक आरक्षण बढ़ाने संबंधित विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करा लिया। दोनों बिल पारित होने के बाद स्पीकर नेसत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। स्थानीयता विधेयक के कानून का रूप लेते ही राज्य में स्थानीयता का आधार 1932 या उसके पहले का सर्वे होगा। स्थानीयता विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव माले के विनोद सिंह, भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी, आजसू के लंबोदर महतो और निर्दलीय अमित यादव की ओर से लाया गया था। इसमें विनोद सिंह का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। विधेयक पारित होने के बाद सीएम ने कहा कि दोनों बिलों को अब संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सीएम ने कहा कि इस विधेयक का विस्तार निजी क्षेत्रों में भी होगा।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय की ही नियुक्ति स्थानीयता के विधेयक के कानून बनने के बाद राज्य के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर उनकी ही भर्ती होगी जो इस विधेयक के अनुसार स्थानीय होंगे। विधेयक में कहा गया है कि स्थानीय व्यक्ति राज्य के व्यापार के लिए पारंपरिक व सांस्कृतिक उपक्रमों से संबंधित उपक्रमों और झीलों/नदियों/ मत्स्य पालन के हकदार होंगे। माले विधायक ने इसमें चतुर्थ वर्ग की सरकारी सेवा को शामिल करने का प्रस्ताव दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया।
मुख्यमंत्री का बीजेपी पे कटाक्ष
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में भाजपा पर निशाना साधा। कहा-ईडी, सीबीआई की कार्रवाई से सत्ता पक्ष के लोगों को जेल जाने का डर नहीं है। हमलोग जेल में रहकर भी भाजपा का सूपड़ा साफ कर देंगे। वह साजिश से घबराने वाले नहीं हैं। आने वाले समय में ये लोग वोट मांगने की स्थिति में नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं का उतावलापन बता रहा है कि इनमें कितनी घबराहट है। सरकार भाजपा के षड़यंत्र का जवाब दे रही है। वे गैरकानूनी काम करते हैं, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करते हैं। इनके पास न नेता है और न ही मुद्दे हैं। नेताविहीन दल का क्या हाल हो सकता है यह देखा जा सकता है। भाजपा ने दो आदिवासी नेता पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और अर्जुन मुंडा को बर्बाद कर दिया। बाबूलाल मरांडी कितना भी बोल लें, लेकिन उनका भी अंतिम दौर चल रहा है। अब कुछ करने की जरूरत नहीं है।
फोन पर धमकी देते हैं पीएम सीएम ने कहा कि भाजपा के मुखिया प्रधानमंत्री फोन पर धमकी देते हैं। दुष्कर्मियों को छुड़वाते हैं। ये लोग हत्याएं भी करवाते हैं। हत्यारे-लुटेरे और मॉब लिंचिंग वाले को माला पहनाते हैं। लगता है ईश्वर इनकी जेब में है। मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा में बांटकर वोट मांगते हैं, जबकि हमलोग गरीब का पेट भरकर, और पैरो पर खड़ाकर वोट मांगते हैं।विधानसभा में मानसून सत्र के विस्तारित सत्र में शुक्रवार को झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 भी पारित किया गया। इस विधेयक में पिछड़ी जाति का आरक्षण 14से बढ़ा 27 प्रतिशत किया गया है। एससी और एसटी का आरक्षण भी बढ़ाया गया है।
अभी झारखंड में एसटी को 26, एससी को 10 और पिछड़ों को 14 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। इस विधेयक के कानून बनने और नौंवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद एसटी को 28, एससी को 12 तथा पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग( एनेक्सर-1) को 15 तथा पिछड़ा वर्ग (एनेक्सर-2) को 12 फीसदी आरक्षण मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर को आरक्षण को शामिल कर राज्य में 77 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा।