पोषण सखियों को मिले उनका हक – दीपिका पांडे सिंह, विधायक महागामा
आजादी के 75 साल बाद भी आज हमारे देश में कहीं ऐसी जगह है जहां पर लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ता है जिस तरह से देश में महंगाई बढ़ रही है घर के खर्चे भी लगातार बढ़ रहे हैं , घर के खर्चों के अलावा और भी बहुत सारे खर्चे हैं बच्चों की पढ़ाई बीमारी के इलाज के लिए खर्चे ऐसे छोटे-छोटे बहुत सारे खर्चे सरकार को इनके बारे में सोचने की जरूरत है !
केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से रोना काल में अपनी जान जोखिम में डालने वाली हमारी हजारों पोषण सखी बहने बेरोजगार हो चुकी हैं कई सालों से यह महिलाएं घर-घर जाकर लोगों की सेवा करती रही है लेकिन आज इनके जीवन यापन हे मुश्किल में पड़े हैं , मेरी मुख्यमंत्री जी से मांग है इन बहनों के परिवार और इनकी सेवा को देखते हुए इन्हें फिर से सेवा का मौका दिया जाए राज्य के 6 जिलों की हमारी यह बहने कुपोषण से लड़ने के लिए पूरी तरह ट्रेन है सरकार इनकी उपयोगिता को समझें और इनकी बहाली दोबारा हो यह मेरी सरकार से विनती है कि इस बारे में जल्द से जल्द विचार करें !