प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से पिठोरिया दुर्गा मंदिर के प्रांगण में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है।
श्रीमद् भागवत कथा का उद्घाटन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रभा दीदी, राजमती दीदी,प्रिया बहन,नेहा बहन,नारायण भाई,अमन भाई,समाजसेवी आशुतोष द्विवेदी ने संयुक्त रूप फीता काट कर व दीप प्रज्वलित कर किया। श्रीमद् भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती भजन,आरती के साथ कथा का शुभारंभ किया। भागवत कथा वाचिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रभा दीदी जी ने भागवत का अर्थ बताते हुए कहा कि भ-भक्ति, ग- ज्ञान, व- वैराग्य, त- त्याग।उन्होने कहा श्रीकृष्ण ने भक्तों से हमेशा अच्छा कर्म करते रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि फल की चिंता छोड़ लोगों को कर्म पर ध्यान देना चाहिए। जो जिस प्रकार का कर्म करता है, उस तरह का फल मिलता है। अच्छे कर्म करने वाले को हमेशा अच्छा फल भगवान देते है। हर मानव को अच्छा कर्म करना चाहिए। मानव जब विकारों के वशीभूत होकर कर्म करता है तो उन्हें दुख दर्द होता है। उन्होंने कहा कि पर-चिंतन पतन की जड़ है स्व चिंतन उन्नति की सीढ़ी है तो हमेशा स्व चिंतन करना है। जब मन को अच्छे विचारों से सुसज्जित करेंगे तो हमारा मन बहुत शक्तिशाली हो जाएगा और कार्य करने की क्षमता भी बढ़ जाएगी। और भागवत कथा सुनने से मन का शुद्धिकरण हो जायेगा। जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जायेगे। पावन हृदय से इसका स्मरण मात्र करने पर करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त हो जाता है। मंच संचालन राजयोगी ब्रह्माकुमार अमन भाई ने कुशलतापूर्वक किया। वही श्रद्धालुओं से आवाहन करते हुए कहा कि यह श्रीमद् भागवत कथा हमारे भाग्य को उदय करता है और जब श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ होता है तो वातावरण में शुद्धता व पवित्रता आती है।ब्रह्माकुमारीज संस्थान पिठोरिया की संचालिका बी.के राजमति दीदी ने संस्थान का परिचय देते हुए कहा की ब्रह्माकुमारीज़ विश्व भर में फैला हुआ एक ऐसा आध्यात्मिक संस्थान है जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवनिर्माण के लिए समर्पित है। सन 1937 में स्थापना के बाद ब्रह्माकुमारीज़ का इस समय सातों खण्डों के 150 देशों में विस्तार हो चुका है। और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक क्षेत्रों में गैर सरकारी संस्थान के रूप में पद स्थापित हो चुका है। इसका अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान है। इस कार्यक्रम में अरुण केसरी,अनिल केसरी, दीपक कुमार,रंतु जी,प्रेम शंकर केशरी,राजेश जी, लक्ष्मीनारायण केसरी,रमेश केसरी,राजेश केसरी,अखिलेश पाठक व श्रद्धालु उपस्थित थे।