गुजरात के मोरबी में रविवार रात को मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया। इस हादसे में कई लोग नदी में गिर जाने के कारण अभी तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर 500 से ज्यादा लोग पूल पर मौजूद थे।
इसके साथ ही स्थानीय लोग भी रेस्क्यू के लिए जुट गए। इन्हीं में से एक हैं तौफीक भाई, अस्पताल में अपनी बेटी की डिलीवरी करवाने आए तौफीक भाई ने हादसे के बाद न धर्म देखी और ना जाति। तौफीक भाई हर किसी की लगातार मदद करने मे जुट गए। वह इंसानियत की मिसाल बने हैं।
तौफीक भाई ने हादसे में घायल 35 से अधिक बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। वह अपनी बेटी के दर्द को भूलकर बाकी लोगों के दर्द में शरीक हो गए।
तौफीक भाई की तरह ही वहां के स्थानीय दूकानदार चाय वाला राजू भी देर रात से ही लोगों की मदद में जुट गया। राजू हादसे के वक्त मौके पर ही थे। ब्रिज को तूटता हुआ देखा तो लोगों की मदद के लिए आगे बढ़े। राजू की गोद में ही एक बच्ची ने दम तोड़ दिया था। राजू ने 10 से ज़्यादा लोगों को बाहर निकाला।
जिस केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है। यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था। इसे गुजराती नववर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था। रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था।