राम कथा का हुआ समापन…राम कथा के अंतिम दिवस में सुंदरकाण्ड का वर्णन करते हुए कटिहार (बिहार) से आयी कथावाचिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रभा दीदी ने लंका दर्शन आदि घटनाओं का विस्तृत वर्णन किया। इसके साथ ही उन्होंने श्री राम द्वारा रावण वध एवं प्रभु श्रीराम के अयोध्या के राजसिंहासन पर आरूढ़ होने का सुंदर वर्णन किया। कथा में वर्णित राम राज्य के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि रामराज्य एक आदर्श राज्य है। रामराज्य में कहीं चोरी, भ्रष्टाचार, झूठ एवं घृणा नहीं है, अपितु चारों तरफ प्रेम भाईचारा, सौहार्दय और सद्भावना दृष्टिगोचर होती है। आज भी इन्हीं सब गुणों की आवश्यकता है। यह रामराज्य जीवन में आ जाये,इसके लिए आवश्यक है। श्रीराम कथा का मनोयोग से श्रवण कर उसके उपदेश को जीवन में उतारें। तभी कथा की सार्थकता है। मन व ध्यान की एकाग्रता से हर कार्य में सफलता मिलती है। महान आत्माओ का आगमन सदैव धर्म की रक्षा के लिए हुआ है। रामायण हमें समाज के संस्कार, अच्छे-बुरे की पहचान सिखाती है। सच्ची भक्ति से ही भगवान की प्राप्ति की जा सकती है। श्री राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। उन्होंने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया।इस कार्यक्रम में उक्त बातें श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन समारोह में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रभा दीदी ने कही। उन्होंने कहा कि श्री राम के नाम मात्र से रावण जैसे अत्याचारी का अंत हो जाता है और अंदर के सारे क्लेश पाप और कुविचार समाप्त हो जाते हैं। मन के अन्दर जो रावण बैठा है उसका अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। पिठोरिया केलाबगान विश्व ज्योति भवन में श्रीराम कथा का समापन हुआ। इस कार्यक्रम के कारण माहौल भक्तिमय हो गया। इस राम कथा महाज्ञान यज्ञ में दूर-दराज से काफी संख्या में भक्त पहुंचे। दोपहर से शाम तक भक्ति कथाओं से श्रोता सराबोर होते रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन राजयोगी ब्रह्माकुमार अमन भाई ने किया। उन्होने कहा की सत्संग के माध्यम से ही हम ईश्वर के करीब पहुंचते हैं।उन्होने कहा की श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम थे,हमे भी उनके जैसा बनना है । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव ज्योति भवन केलाबागान के तत्वाधान में चल रहे इस कार्यक्रम में बाहर से आए गायकों के द्वारा एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर रांची नगर निगम के उप महापौर श्री संजीव विजयवर्गीय, भारतीय जनता युवा मोर्चा कला एवं खेल प्रकोष्ठ रांची महानगर के संयोजक आशुतोष द्विवेदी,राजीव रंजन, रजनीश पांडेय,प्रदीप कुमार,राहुल कुमार दुबे,ब्रह्माकुमारी संस्थान पिठोरिया की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी राजमती दीदी, संपति देवी, हनुमान जोशी, हजारीबाग से आये नारायण भाई, बिट्टू कुमार, निर्मला बहन,सुनीता बहन,आदि मौजूद थे।
