वर्ष 2018 में एक माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की रहस्यमयी मौत से जुड़े मामले में सीआईडी की एक टीम ने जांच शुरू कर दी है। शव खजांची तालाब के पास सीडीए शुभम अपार्टमेंट के फ्लैट में मिले थे।
सूत्रों ने कहा कि इंस्पेक्टर रविकांत के नेतृत्व में टीम यह स्थापित करने के लिए काम कर रही है कि यह हत्या का मामला है या आत्महत्या का। नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अब तक के सुराग और फ्लैट से नमूने एकत्र किए हैं।
महेश्वरी परिवार काफी जाना-पहचाना और संपन्न था और सूखे मेवों के कारोबार से जुड़ा था। जिन छह लोगों के शव बरामद हुए हैं उनमें महावीर माहेश्वरी (70) भी शामिल हैं, जिनका शव पंखे से लटका हुआ मिला था, लेकिन उनके पैर बिस्तर को छू रहे थे और उनके हाथ बंधे हुए थे। उनके पास ही बेड पर उनकी पत्नी किरण का शव मिला था। दंपति के इकलौते बेटे नरेश का शव अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र से पाया गया, जिसके पैर टूटे हुए थे, जिससे पुलिस को लगा कि या तो वह छत से कूद गया या फेंक दिया गया। नरेश की पत्नी प्रीति का शव भी फंदे पर लटका मिला, जबकि उनके दस वर्षीय बेटे का गला रेता हुआ था। उनकी सात वर्षीय बेटी परी का शव एक बिस्तर पर मिला था।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए सीआईडी टीम को कई लापता तथ्यों को जोड़ना होगा। सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह था कि फ्लैट से एक पावर ऑफ अटॉर्नी मिली थी जिसने इस फ्लैट की संपत्ति का अधिकार एक पड़ोसी को दे दिया था जो अब सीआईडी के रडार पर है।