झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स निदेशक को फिर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान फिर कड़ा रुख में बोला कि रिम्स में सुधार लाने के कई निर्देश दिए गए है| लेकिन अब तक एक भी सुधार नहीं दिख रहा है। स्थायी पदों पर कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आउटसोर्स से नियुक्ति नहीं करने का निर्देश दिया था लेकिन सरकार और रिम्स प्रबंधन इन निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे।
सुविधाओं और कर्मचारियों की कमी को लेकर लगातार झेल रहे झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि निदेशक रिम्स नहीं चला सकते तो इस्तीफा दे दें। कोर्ट ने सुझाव दिया की किसी आईएएस अधिकारी को निदेशक का कमान दे। स्वास्थ्य सचिव से कोर्ट ने पूछा कि किन प्रावधानों के तहत स्थायी पदों पर आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है। लंबे समय से रिम्स में नियुक्ति लंबित है। रिम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था और रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने रिम्स प्रबंधन और सरकार पर तल्ख टिप्पणियां| 4 माह के भीतर रिम्स में रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर ली यह कोर्ट ने 28 जनवरी 2022 को निर्देश दिया था लेकिन इस बात को सीरियस न लेते हुए करमचारियों ने इस पर ध्यन नहीं दिया और अभी तक ये नही हुआ|