मेरा नाम सुधीर मंडल है मैं अपनी हिंदी में लिखने की शैली पर गर्व महसूस करता हूं हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और मुझे हमेशा हिंदी भाषा का जितना संभव हो प्रयोग करते समय गर्व महसूस होता है।मुझे इस बात की काफी खुशी है कि आज के इस विशेष दिन पर मुझे आप सब को अपनी हिंदी शैली में लिखने की कला और बताने का अवसर मिला। मेरी एक तीन साल की बेटी है मै हमेशा घर में समझाने का प्रयास करता हूं कि आप शुरू से अंग्रेजी अवश्य सीखे पर एक दूसरी भाषा के रुप में ना कि प्राथमिक भाषा के रुप में यह सारी चीजे हमे अपने बच्चो को उसके बचपन से ही करवाना आवश्यक है ताकि बाद में आगे चलकर उन्हें सामूहिक मंचो से हिंदी बोलने में संकोच ना हो।
सभी वर्गों में कार्य करने के लिए हिंदी शब्द की प्राथमिकता पहले होती है। हिंदी शब्द की प्राथमिकता जो प्राचीन काल में थी वह आज भी है। जरूरत है इससे आगे आकर बढ़ाने की। हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं मे से हिंदी चौथी भाषा है। आज़ादी मिलने के बाद देश मे अंग्रेजी के बढ़ते उपयोग और हिंदी के बहिष्कार को देखते हुए हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था।अंततः मैं यही कहूंगा की जिसमें है मैंने ख्वाब बुने जिससे जुड़ी मेरी हर आशा, जिससे मुझे पहचान मिली, वो है मेरी हिंदी भाषा।