झारखंड की राजनीति काफी गरमाई हुई है। आपको बता दे के भारतीय जनता पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। गांडेय से पूर्व विधायक और भाजपा के दिग्गज नेता जयप्रकाश वर्मा अपने हजारों समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल हो गए है। कुछ दिनों पहले ही जयप्रकाश वर्मा की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की खबर सामने आयी थी। अब झारखंड की राजनीतिक गलियारों मे ये ख़बर आ रहीं है कि जेपी वर्मा के बाद बीजेपी के कुछ और भी बड़े चेहरे झारखंड मुक्ति मोर्चा मे शामिल हो सकते है।
बता दे की जयप्रकाश वर्मा 2014 से 2019 तक गांडेय विधानसभा से बीजेपी विधायक थे। सत्ता दल के विधायक रहते हुए वे लगातार पिछड़ों के आरक्षण बढ़ाने की मांग करते रहते थे। शायद इसी कारण वे तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के निशाने पर थे। विधानसभा चुनाव में टिकट बटवारे के समय सरयु राय के साथ जयप्रकाश वर्मा भी उपेक्षा के शिकार रहे। बिल्कुल आखिरी समय में उन्हें टिकट दिया गया। सूत्रों की माने पार्टी में भीतरघात के कारण उनकी चुनाव में हार हुई।
खबर यह भी हैं कि भाजपा के एक और दिग्गज नेता हेमलाल मुर्मू भी जेएमएम का दमन थाम सकते है। उन्होंने विधानसभा से 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का प्रस्ताव पारित किये जाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले की जमकर तारीफ़ की थी और उनके काम काज की सराहना करते हुए भाजपा को कमजोर पार्टी बताया था। भाजपा का कुनबा धीरे धीरे बिखरता जा रहा है। अब देखना यह है के भाजपा इसे लेकर क्या निर्णय लेती है। भाजपा झारखंड भी इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर कर रही है। एक के बाद एक अपने घटते जनाधार और पार्टी में टूट से भाजपा कमज़ोर नज़र आ रहीं है। पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के कंधो पर है, परंतु इन दोनों की जोड़ी ना तो कोई उपचुनाव जीत पा रही है और ना ही पार्टी को एक सूत्र में बांधकर रखने में कामयाब हो रही है। ऊपर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा लगातार बड़े और ऐतिहासिक फैसलों के बाद से भारतीय जनता पार्टी में हड़कंप मच गया है। भाजपा हेमंत को काउंटर नहीं कर पा रही है।
