झारखंड सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर साबित हो रही है. एक ओर जहां सरकार गरीबों की मदद के लिए कई योजनाएं शुरू करती है, वहीं इन्हीं योजनाओं में लापरवाही की वजह से लोग दम तोड़ देते हैं. ताजा मामला एमजीएम अस्पताल का है, जहां बीते दिनों 108 एबुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने की वजह से एक मरीज की मौत हो गई थी. शिकायत के बावजूद प्रबंधन ने किसी तरह का कदम नहीं उठाया, जिसका खामियाजा एक बार फिर देखने को मिला है. समय पर 108 एंबुलेंस नहीं मिलने पर शुक्रवार को एमजीएम अस्पताल में इलाजरत युवती और महिला ने दम तोड़ दिया. दरअसल भुइंयाडीह कल्याणनगर निवासी 18 वर्षीय खुशबू भगत ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. घटना के बाद तबीयत बिगड़ने पर उसे परिजनों ने एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था. स्थिति बिगड़ने पर एमजीएम अस्पताल से रिम्स रेफर किया गया. एंबुलेंस के लिए परिजनों ने सुबह ही 108 नंबर पर डायल किया. परिजन दोपहर 12 बजे तक 108 नंबर पर डायल करते रहे पर अंत में खुशबू ने दम तोड़ दिया.
इधर, दूसरा मामला भी एंबुलेंस से ही जुड़ा है. पटमदा निवासी 46 वर्षीय आरती देवी को परिजनों ने गुरुवार को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था. स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल से रिम्स ले जाने की सलाह दी गई. एंबुलेंस के लिए परिजनों ने 108 नंबर पर डायल किया. पहले तो जवाब मिला कि जल्द ही एंबुलेंस अस्पताल पहुंचेगी पर काफी देर होने पर परिजनों ने फिर से 108 नंबर पर डायल किया पर इस बार फोन उठाने वाले ने बात ही नहीं की. अंत में आरती ने भी दम तोड़ दिया. मामले को लेकर गुस्साए परिजनों ने मामले की शिकायत अस्पताल के अधीक्षक से की है.