2019 के विधानसभा चुनाव में रघुवर सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने वाली जेएमएम कांग्रेस और आरजेडी महागठबंधन उपचुनावों में भी लगातार जीत हासिल कर रही है. 2015 से लेकर अब तक की स्थिति को देखें तो कुल 11 उपचुनाव हुए हैं, जिसमें से कांग्रेस और जेएमएम को 10 में जीत मिली है. हालांकि 2019 के पहले के 7 उपचुनाव में दोनों पार्टियों को अलग- अलग जीत मिली थी. इसमें से बीजेपी की सहयोगी आजसू को 3 और बीजेपी को 3 उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, 7 उपचुनाव में एक में ही केवल भाजपा को जीत मिली थी. वहीं, 2019 के बाद महागठबंधन में रहते हुए जेएमएम – कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने चार – उपचुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त दी है.
दिसम्बर 2014 को रघुवर सरकार सत्ता में आयी थी. रघुवर सरकार के पांच साल के कार्यकाल में झारखंड में कुल सात उपचुनाव हुए थे.
• सबसे पहला उपचुनाव दिसम्बर 2015 में लोहरदगा में हुआ था. उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत ने आजसू प्रत्याशी नीरू शांति भगत को 23 हजार 288 वोटों से हराया.
2016 में हुए पांकी व गोड्डा उपचुनाव में एक सीट कांग्रेस तो एक भाजपा के खाते में गई. पांकी कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल की तो गोड्डा से भाजपा के अमित कुमार मंडल विजयी हुए.
अप्रैल 2017 में लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव में जेएमएम प्रत्याशी साइमन मरांडी ने 13 हजार वोट से जीत दर्ज की. उन्होंने भाजपा के हेमलाल मुर्मू को हराया.
मई 2018 को गोमिया – सिल्ली उपचुनाव में जेएमएम ने आजसू को करारी शिकस्त दी. सिल्ली विधानसभा सीट जेएमएम की सीमा महतो ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और गोमिया से बबीता महतो ने लंबोदर महतो को हराया.
दिसम्बर 2018 को कोलेबिरा उपचुनाव में कांग्रेस ने 14 वर्ष के वनवास को समाप्त कर वापसी की. पार्टी प्रत्याशी नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भाजपा के प्रत्याशी बसंत सोरेंग को 9658 मतों से पराजित किया है.
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चार उपचुनाव, चारों में मिली।
दिसम्बर 2019 को मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ ही हेमंत सोरेन कार्यकाल में चार उपचुनाव हुए हैं. चारों में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत हुई है.
• नवंबर 2020 को दुमका और बेरमो उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. बेरमो से कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने बीजेपी के योगेश्वर महतो बाटुल को और दुमका सीट पर जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन ने बीजेपी के लुईस मरांडी को हराया.
मई 2021 को हुए मधुपुर उपचुनाव में जेएमएम के
हफीजुल हसन ने बीजेपी के नारायण सिंह को हराया.
• जून 2022 को हुए मांडर उपचुनाव में कांग्रेस की शिल्पा नेहा तिर्की ने भाजपा के गंगोत्री कुजूर को हराया।
‘जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है ‘ उपचुनावों के परिणाम बताते हैं कि मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन ने जहां अपनी पकड़ बरकरार रखी है, वहीं राज्य में 2019 में सत्ता गंवाने वाली बीजेपी के लिए वापसी की राह आसान नहीं है. हालांकि, ये भी तथ्य है कि जिन 4 सीटों पर गठबंधन की जीत हुई है, वो पहले भी उसी के कब्जे में थीं. गठबंधन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि अब तक हुए चारों उपचुनावों में झारखंड और झारखंडियत की जीत हुई है. झूठ, अहंकार, धनबल और शोषण की राजनीति को जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
उपचुनावों में लगातार चौथी पराजय से बीजेरपी के खेमे में निराशा है.
दरअसल, राज्य में उपचुनावों के मामले में झामुमो और कांग्रेस का रिकॉर्ड हमेशा बेहतर रहा है. झारखंड में 2015 से लेकर अब तक कुल 11 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से इन दोनों पार्टियों ने 10 सीटों पर जीत हासिल की है. सिर्फ एक बार वर्ष 2016 में गोड्डा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के अमित कुमार मंडल ने जीत दर्ज करने में सफलता पाई थी.