रांची : मदरसा हुसैनिया, कडरू में 32वां जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन मदरसा के कैंपस, ईदगाह मैदान और हज हाउस में किया गया। मदरसा हुसैनिया के 70 साल के इतिहास में मदरसा हुसैनिया में पहली बार 830 बच्चों को एक साथ दस्तारबंदी की जाएगी। मदरसा हुसैनिया 1958 में मरहूम मौलाना अजहर रहमतुल्लाह आलेह की शुरुआत एक बच्चे से की। इस मदरसे में झारखंड बिहार, ओडिशा ,पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के बच्चे बड़ हैं। लगभग बीस हजार लोग इस दस्तारबंदी में आए हुए हैं।
जलसा ए दस्तार बंदी में मुख्य अतिथि मौलाना सैयद अरशद मदनी अध्यक्ष जमीयत उलेमा हिंद, मौलाना महमूद मदनी अध्यक्ष जमीयत उलेमा हिंद, मुफ्ती सलमान मंसूर पूरी देवबंद, मुफ्ती नसीम अहमद बाराबंकी, कारी एहसान मोहसिन यूपी, मौलाना अब्दुस समद नोमानी राउरकेला, मुफ्ती जावेद इकबाल होंगे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर झारखंड सरकार के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, हफीजुल हसन अंसारी होंगे। इस मौके पर बोलते हुए मदरसा हुसैनिया के प्रिंसिपल मौलाना मोहम्मद साहब ने कहा मदरसा हुसैनिया के लिए ही नहीं बल्कि रांची और झारखंड के लिए खुशी का दिन है लोगों में त्यौहार के जैसा उत्सव है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम करने का उद्देश्य है कि लोगों में ईमान की ताजगी आए दिन में लोगों का रुझान बढ़े। उन्होंने कहा कि झारखंड और हिंदुस्तान के लिए मदरसा हुसैनिया संदेश दिया है कि यह हमेशा दीन और लोगों के लिए काम करते रहेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां एनआईओएस के द्वारा मदरसा हुसैनिया के बच्चों को मैट्रिक और इंटर कराया जाएगा । कंप्यूटर की पढ़ाई पिछले 8 साल से लगातार हो रही है।
