जीएसटी प्राधिकरण ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को 922 करोड़ का कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सूत्रों के अनुसार, जीएसटी के खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कंपनी को चार नोटिस भेजे हैं. इसमें पुन: बीमा और सह-बीमा जैसी सेवाओं से उत्पन्न राजस्व पर क्रमश: 478.84 करोड़, 359.70 करोड़, 78.66 करोड़ और 5.38 करोड़ के जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की मांग की गयी है. बता दें कि रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी इस समय ऋण समाधान प्रक्रिया का समाना कर रही है.
एयर इंडिया ने तेल अवीव की उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द कीं
इजराइल के तेल अवीव पर शनिवार को हमास आतंकवादियों के हमले के बाद एयर इंडिया ने 14 अक्टूबर तक वहां की सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है. प्रवक्ता ने कहा कि तेल अवीव जाने वाली और वहां से आने वाली सभी उड़ानें 14 अक्टूबर तक रद्द कर दी गयी है. कहा कि टिकट बुक कर चुके यात्रियों को उनकी जरुरत के अनुसार पूरा सहयोग दिया जायेगा. बता दें कि एयर इंडिया तेल अवीव के लिए पांच साप्ताहिक (सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार) उड़ानें संचालित करती है. ये उड़ानें शनिवार को नयी दिल्ली से तेल अवीव के लिए उड़ान संख्या एआई 139 और वापसी की उड़ान एआई 140 को रद्द कर दिया गया था.
तीसरी खबर
एफपीआई ने 8000 करोड़ के शेयर बेचे
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का भरोसा अक्टूबर के पहले सप्ताह डगमगाया है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने 8,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दी. हालांकि एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 2,081 करोड़ रुपये का निवेश किया. इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध विक्रेता बने रहे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे. एफपीआई मार्च से अगस्त तक पिछले छह महीनों में लगातार लिवाली कर रहे थे. इस अवधि के दौरान निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 1.74 लाख करोड़ का निवेश किया.
2023 में अब तक इक्विटी में 1.12 लाख करोड़ और बॉन्ड बाजार में 31,200 करोड़ का निवेश
बता दें कि भारत इस साल एफपीआई को आकर्षित करने में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना हुआ है. लेकिन सितंबर से विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुए हैं. अमेरिका और यूरोजोन में आर्थिक अनिश्चितताओं के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बारे में बढ़ती चिंताओं की वजह से निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. 2023 में अब तक इक्विटी में एफपीआई का कुल निवेश 1.12 लाख करोड़ और बॉन्ड बाजार में 31,200 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है.