यूट्यूबर एल्विश यादव पर रेव पार्टियों में सांप के जहर के कथित इस्तेमाल (Elvish Yadav Snake Venom Smuggling Case) को लेकर FIR दर्ज हो चुकी है. लेकिन 3 नवंबर को ये मामला सामने आने के बाद से ही वे गायब रहे. इस बीच उन्होंने अपनी सफाई में एक वीडियो जारी किया, लेकिन पुलिस के सामने पेश नहीं हुए. अब 4 दिन बाद 7 नवंबर की रात वे नोएडा पुलिस के सामने पेश हुए. इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया से बचने के लिए एल्विश यादव छुपते-छुपाते नोएडा के सेक्टर-20 थाने पहुंचे. यहां करीब 3 घंटे तक उनसे पूछताछ हुई. DCP और ACP स्तर के अधिकारियों ने एल्विश यादव से पूछताछ की. कहा जा रहा है कि आज फिर पूछताछ हो सकती है. नोएडा पुलिस गिरफ्तार आरोपी राहुल के आमने-सामने बैठाकर एल्विश से पूछताछ करेगी. साथ ही उम्मीद की जा रही है कि नोएडा पुलिस को गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों की कस्टडी मिल सकती है. इसके साथ ही वन विभाग ने मौके से बरामद किए सांपों की मेडिकल जांच कराई है. इसमें सामने आया कि पांच कोबरा सांपों की विष ग्रंथि निकाल ली गई थी. बाकी के 4 सांप विषैले नहीं थे. सांप की विष ग्रंथि निकालना जानवरों के साथ की जाने वाली क्रूरता की श्रेणी में आता है. इसके लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.
फिलहाल, अदालत के आदेश के बाद सांपों को जंगल में छोड़ दिया गया है. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एल्विश के दोषी निकलने पर उसे सजा मिलने की बात कही थी. हालांकि, वे इस बारे में कुछ और बोलने से बचते नजर आए. नोएडा पुलिस ने सेक्टर 49 इलाके में छापेमारी कर 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. यहां से 9 तरह के सांप बरामद किए गए थे. इसमें से 5 कोबरा सांप भी थे. इसके साथ ही 20 मिलीलीटर स्नेक वेनम यानी सांप का जहर भी बरामद हुआ. जब पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वो लोग सांप के जहर का इस्तेमाल रेव पार्टी में करते हैं. पूछताछ में सख्ती की गई तो इन लोगों ने अपने सरगना के तौर पर एल्विश यादव का नाम ले लिया.
इसके बाद एल्विश सहित 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इन पर वन्य जीव संरक्षण अधियनियम 1972 की धारा 9, 39, 48ए, 49, 50 और 51 के तहत केस दर्ज हुआ है. जो धाराएं लगाई गईं हैं वो गैर जमानती हैं. पांच आरोपियों की पहचान राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ के तौर पर हुई है.