करनडीह के सेंगेलगढ़ में गुरुवार को सेंगेल दिशोम परगना सोनाराम सोरेन की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. बैठक में शामिल लोगों ने कहा कि सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू की अगुवाई में मरंगबुरू (पारसनाथ पहाड़) को बचाने के लिए 10 दिसंबर को गिरिडीह के मधुबन में सेंगेल यात्रा आयोजित की गई है. इस यात्रा को सफल बनाने के लिए बैठक में चर्चा की गई. इसमें तय हुआ कि कोल्हान के तीनों जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला से हजारों की संख्या में आदिवासी इसमें शामिल होंगे. इसके अलावा झारखंड, बिहार, बंगाल, आसाम, ओडिशा आदि राज्यों से सरना धर्मावलंबी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. सरना धर्म कोड लागू करने की मांग
बैठक में बताया गया कि विगत 5 जनवरी 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों के सबसे बड़े ईष्ट देवता मरांग बुरु पारसनाथ को अपने राजनीति और वोट के लालच में जैनों के हाथों में बेच दिया है. इसी तरह लुगूबुरु के पर्यटक स्थल में भी हिंदू अतिक्रमण कराने में हेमंत सोरेन की भूमिका है. आदिवासी समाज उनका पुरजोर विरोध करता है. सेंगेल एवं आदिवासी समाज की मांग है कि 2023 में ही सरना धर्म कोड को लागू किया जाए अन्यथा सेंगेल 30 दिसंबर को रेल व रोड चक्का जाम कर भारत बंद के लिए बाध्य हो जाएगा. बैठक में सेंगेल दिशोम परगना सोनाराम सोरेन, पूर्वी सिंहभूम जिला सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू, गोलमुरी सह जुगसलाई सेंगेल परगना मनीराम हेंब्रम, गोविंदा सोरेन आदि शामिल थे.