माँ जगदम्बा का स्मृति दिवस मनाया गया।आज दिनाँक 24 जून 2022 दिन शुक्रवार को कांके पिठोरिया स्थित प्रजापिता ब्रह्म।कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आश्रम में जगदम्बा माँ सरस्वती (मम्मा) का स्मृति दिवस मनाया गया।इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी आश्रम कि संचालिया राजयोगी बी राजमती बहन ने कहा कि सत्य और स्नेह की प्रतीक जग दम्बा सरस्वती का जन्म 1919 में अमृतसर में हुवा।इन्होंने स्कूल की पढ़ाई मैट्रिक स्तर तक ही की।उन दिनों ओम मंडली का सत्संग दादा लेखराज के घर पर होता था।एक दिन वे अपनी माँ के साथ सत्संग में गई।वहीं दादा लेखराज ने मम्मा को अलौकिक ज्ञान की शिक्षा -दीक्षा देनी आरम्भ की।उन्होंने बताया कि कुछ समय मे ही मम्मा को सत्संग की संचालिया बना दिया।दादा ने एक कार्यकारणी समिति बनाई और अपना धन ,चल,अचल संपत्ति के नाम कर दी।आगे चलकर इस समिति का नाम प्रजापिता ब्रह्म।कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पड़ा ।उन्होंने कहा कि मम्मा सर्व गुणों की खान और मालवीय मूल्यों की विशेषताओ से संम्पन्न थी।मम्मा ने कभी किसी को मौखिक शिक्षा नहीं दी,बल्कि अपने प्रैक्टिकल जीवन से प्रेरणा दी।इससे दूसरों के जीवन में परिवर्तन आ सकता था।मम्मा के सामने चाहे कितना भी विरोधी, क्रोधी, विकारी,नशेड़ी आ जाता ,उनकी पवित्रता ,सौम्यता व ममतामयी दृष्टि पाते ही वह शांत हो जाता और मम्मा के कदमों में गिर जाता।आज उनके स्मृति दिवस में भक्तों ने उनके तसवीर पर माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया।इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी आश्रम पिठोरिया कि संचालिका बी राजमती बहन,भारतीय जनता पार्टी (कला एवं खेल प्रकोष्ठ )राँची महानगर के संयोजक श्री आशुतोष द्विवेदी, लघु उद्योग भारती के प्रदेश महामंत्री श्री विजय कुमार छापड़िया,अमरजीत गिरधर,समेत कई लोग उपस्थित थे।यह जानकारी अमन ने दी।
