पाम इंटरनेशनल स्कूल रांची का 13वां वार्षिकोत्सव कडरू स्थित हज हाउस के सभागार में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष श्री शमशेर आलम उपस्थित रहे एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री केशव महतो कमलेश, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष श्री ज्योति सिंह माथारू,मार्केटिंग बोर्ड झारखंड के अध्यक्ष श्री रविंद्र सिंह,युवा युवा आयोग झारखंड के अध्यक्ष श्री कुमार गौरव एवं झारखंड प्रदेश के श्री विनय दीपू उपस्थित रहे। सांस्कृतिक,शैक्षणिक रचनात्मक एवं सामाजिक संदेश से भरे वार्षिक उत्सव में विद्यालय के बच्चों ने अपनी कला से लोगों की सराहना बटोरी। प्री नर्सरी से पांचवी कक्षा के छात्र-छात्राओं ने अपनी कला के प्रदर्शन से लोगों को बड़े सपने और ऊंची सोच रखने की ओर प्रेरित किया। कक्षा छठवीं से लेकर दसवीं के छात्र-छात्राओं ने वर्तमान समय में मोबाइल की ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसान और जीवन में घट रही दुर्घटनाओं से अवगत कराया वहीं छात्राओं ने लड़कियों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए ताइक्वांडो मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने की ओर एवं स्वयं को मजबूती से समाज में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की ओर प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावक एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री शमशेर आलम ने कहा कि पाम इंटरनेशनल स्कूल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है यहां आने के बाद आज मुझे यह एहसास हुआ है। इन प्रतिभाओं को निखारने में विद्यालय के छठ एवं शिक्षिकाओं ने जो मेहनत किया है वह सारे लोग बधाई के पात्र हैं। शहर में ऐसे बहुत कम शिक्षण संस्थाएं हैं जहां बच्चों में आचरण वर्तमान तकनीकी शिक्षा एवं प्रतिभा को तराशा जाता है। मैं कोशिश करूंगा कि विद्यालय को स्तर पर भी सहायता प्रदान किया जा सके। श्रेष्ठ अतिथि श्री केशव महतो कमलेश ने विद्यालय की शिक्षा नीति की सराहना की।विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती लुबना फातिमा ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद,रचनात्मक कार्य एवं आत्मरक्षा की कला को भी अपने जीवन में शामिल करना बेहतर होगा। विद्यालय की अकादमिक हेड डॉक्टर साएका आलम ने शिक्षा के महत्व को परिभाषित करते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन का एक अंग है जिसे हम चाह कर भी अपने आप से अलग नहीं कर सकते हैं। एक बच्चे के लिए सबसे पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं। बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित अपने माता-पिता से ही होते हैं। बेहतर यह है कि माता-पिता केवल बच्चों को ही शिक्षित करने के बारे में ना सोचे बल्कि खुद को भी शिक्षित करने की ओर जागरूक हो जाएं। हमारे विद्यालय में शिक्षा कि जिस पद्धति को बनाया गया है उसमें बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी शामिल किया गया है ताकि एक अच्छा शिक्षित समाज का निर्माण हो सके। विद्यालय के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री मोहम्मद आलम ने अपने संबोधन में लोगों को यह संदेश दिया कि वर्तमान शिक्षा के अंदर वह शक्ति नहीं है जो नई पीढ़ी के बच्चों को अपनी दूसरी और तीसरी पीढ़ी के साथ संबंध में संतुलन स्थापित कर सके। मैं समझता हूं कि भारत में पहली बार किसी शैक्षणिक संस्था ने शिक्षा के मॉडल को प्रोफेटिक मॉडल में परिवर्तित करने का अगर प्रयास किया है हुआ है पाम इंटरनेशनल स्कूल। हमारी पूरी कोशिश यह है कि बच्चे वह शिक्षा प्राप्त करें जो उन्हें अपने माता-पिता को अंतिम सांस तक संभाले रखने में सक्षम हो सके। आधुनिक शिक्षा अच्छी नौकरी एवं एक अच्छी जीवन शैली देने में सफल है लेकिन माता-पिता के साथ एक अच्छी औलाद बने रहने की शिक्षा देने में असफल है, जबकि आधुनिक शिक्षा में भी नीति शिक्षा शामिल है। यह बात केवल मेरे कहने की नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक शोध से सिद्ध हुआ है। हमारा विद्यालय शिक्षा के इस रूप को तैयार कर छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर रहा है जो उसे इस कड़ी मे लाकर खड़ा कर दे। आज के इस वार्षिक उत्सव कार्यक्रम मे बच्चों ने जिस तरह अपनी कला का प्रदर्शन किया वह सराहनीय है। विद्यालय प्रबंधन सभी को शुभकामनाएं देता है एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं नॉन टीचिंग स्टाफ ने जो मेहनत किया है वह अनमोल है विद्यालय प्रशासन सभी का धन्यवाद करता है और आइंदा इसी तरह से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करता है।
लुबना फातिमा
प्रधान अध्यापिका
पाम इंटरनेशनल स्कूल बारियातू रांची झारखंड।
