सरला बिरला पब्लिक स्कूल में मानविकी-2025 की धूम-आर्ट पिच और थ्रेड्स ओडिसी मुख्य आकर्षण

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सरला बिरला पब्लिक स्कूल, रांची ने अपने बहुप्रतीक्षित वार्षिक मानविकी महोत्सव ‘मानविकी- 2025’ का शुभारंभ एक भव्य एवं रंगारंग उद्घाटन समारोह के साथ किया, जिसने बौद्धिक, रचनात्मक और सांस्कृतिक माहौल तैयार कर सभी को ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत और दीप प्रज्वलन से हुई। आज का मुख्य आकर्षण था “ड्रेप ऑफ कल्चर – रैम्प वॉक”, जिसमें सरला बिरला पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भारतीय राज्यों की विविध संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले पारंपरिक परिधानों में रैंप वॉक किया। प्रत्येक परिधान ने विरासत और पहचान की कहानी को जीवंत किया, और इन सजीव प्रस्तुतियों ने भारत की सांस्कृतिक एकता और जीवंतता का उत्सव मनाया। सतत विकास का सशक्त संदेश देते हुए, छात्रों ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य ;ैक्ळेद्ध को ध्यान में रखते हुए अपशिष्ट और पुनः प्रयोग में आने वाली सामग्री से पूरे स्थल को सजाया। इन रचनात्मक सजावटों ने न केवल महोत्सव की दृश्य सुंदरता बढ़ाई, बल्कि रचनात्मक अभिव्यक्ति में पर्यावरणीय जिम्मेदारी के महत्व की भी याद दिलाई। उद्घाटन दिवस में दो प्रमुख कार्यक्रम आयोजित हुए – आर्ट पिच और थ्रेड्स ओडिसी, जिन्होंने कल्पनाशक्ति, अभिव्यक्ति और    सांस्कृतिक समझ को एक ही मंच पर साकार कर दिया। पहले दिन का समापन उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ, जिससे मानविकी- 2025 के आगामी आयोजनों के लिए बड़ी उम्मीदें बंधीं, जहाँ बौद्धिकता और कला का संगम होता है। रांची सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालय जैसे गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल, सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, बरियातू, जे.के. इंटरनेशनल स्कूल आदि ने उत्साह के साथ भाग लिया।
‘आर्ट पिच‘ ने प्रतिभागियों को अपने कलात्मक दृष्टिकोण को प्रभावी प्रस्तुतियों में बदलने का मंच प्रदान किया। युवा रचनाकारों ने अपनी कलाकृतियों को गहन विषयवस्तु और आकर्षक कथन शैली के साथ प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों को कला को केवल दृश्य आनंद के रूप में नहीं, बल्कि प्रभावशाली कहानी कहने और सामाजिक-सांस्कृतिक टिप्पणी के माध्यम के रूप में देखने के लिए प्रेरित किया।
‘थ्रेड्स ओडिसी‘ वस्त्र धरोहर और उसके आधुनिक रूपांतरण का एक अनोखा प्रदर्शन था, जो दर्शकों को समय और परंपरा की यात्रा पर ले जाने में सफल हुआ। प्रतिभागियों ने करघे से रैंप तक धागों की यात्रा को खोजा, जिसमें भारत की समृद्ध हस्तकला और आधुनिक डिजाइन दृष्टिकोण का संगम प्रस्तुत किया गया। प्रत्येक प्रस्तुति ने इतिहास, पहचान और नवाचार की सहज बुनावट को प्रदर्शित किया। इन प्रतियोगिताओं में डीएवी पब्लिक स्कूल, बरियातू ने दोनों कार्यक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त किया। गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल ने आर्ट पिच में द्वितीय स्थान और जे.के. इंटरनेशनल स्कूल ने थ्रेड्स ओडिसी में द्वितीय स्थान हासिल किया। आर्ट पिच में तृतीय स्थान सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल को मिला।
प्रतिभागियों की रचनात्मकता और शोध की सराहना की गई और सचमुच मानविकी केवल एक प्रतियोगिता भर नहीं है – यह अतीत को वर्तमान से, कला को अर्थ से और प्रतिभा को उद्देश्य से जोड़ने का माध्यम है।

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