कल्याण मंत्री चमरा लिंडा की अध्यक्षता में कल्याण विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

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योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जाए


कल्याण मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की नियमित समीक्षा से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक योजना का लाभ समयबद्ध रूप से पात्र लाभार्थियों तक पहुँचे और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। श्री लिंडा शनिवार को
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे।

कल्याण मंत्री ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की विस्तृत समीक्षा की।
उन्होंने बैठक में विशेष रूप से प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के लंबित भुगतानों की समीक्षा करने का निर्देश दिया।

कल्याण मंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है और इसके लिए केंद्र सरकार से लंबित राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निरंतर पहल की जा रही है।

इसके अलावा वन अधिकार अधिनियम, धरती आवास ग्राम उत्कर्ष योजना, संविधान अनुच्छेद 275 के अंतर्गत स्वीकृत योजनाएँ, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सरना-मसना स्थल संरक्षण कार्य, छात्रावास और आवासीय विद्यालयों की स्थिति, तथा वाद्य यंत्र वितरण योजना जैसे प्रमुख विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

मंत्री श्री लिंडा ने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह विभाग को प्रस्तुत की जाए ताकि निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचे और हर योजना का परिणाम धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

मंत्री ने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारी लाभार्थियों से सीधे संवाद स्थापित करें और उनके सुझावों को योजनाओं के सुधार में शामिल करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।

मंत्री श्री चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य सरकार आदिम जनजातियों के समग्र उत्थान और विकास के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है। आदिम जनजाति समुदाय राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। सरकार उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है। मंत्री ने कहा कि आदिम जनजाति क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और स्थायी आजीविका के अवसर सृजित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कल्याणकारी योजनाओं को समाज के सबसे निचले तबके तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी प्राथमिकता है कि योजनाएँ सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर दिखाई दें और समाज के हर वर्ग को उनका वास्तविक लाभ मिले।

बैठक में कल्याण सचिव श्री कृपा नन्द झा, कल्याण आयुक्त श्री कुलदीप चौधरी सहित जिलों के कल्याण पदाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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