हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड में काम कर रहे आला अधिकारियों सहित लाखों सरकारीकर्मियों को मिल रही राहत, जानें कैसे

झारखण्ड
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चुनावी फायदा से ज्यादा कर्मियों को उनका अधिकार और हक दिलाने की सोच पर काम कर रहे झामुमो नेता.

इन अधिकारियों को मिली राहत.

– झारखंड सचिवालय सेवा संघ के 490 सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों को मिला प्रमोशन.
– झारखंड प्रशासनिक सेवा के 129 अफसरों को मिला एसडीओ रैंक में प्रमोशन.
– 3000 से अधिक सहायक पुलिस कर्मियों को मिला 1 साल का कार्य सेवा अवधि विस्तार
– झारखंड सचिवालय सेवा के 19 उप सचिव को संयुक्त सचिव और 50 अवर सचिव को उप सचिव पर मिली प्रोन्नति.
– 1.25 लाख कर्मियों के पुरानी पेंशन योजना की मांग भी धरातल पर.
– बहुत जल्द 28 डीएसपी को आईपीएस और झाप्रसे के 40 अधिकारियों को आईएस संवर्ग में मिलेगी प्रोन्नति

Ranchi : झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन सरकार के आए हुए 3 साल पूरे होने जा रहे हैं. इन 3 सालों में राज्य की सवा तीन करोड़ आम जनता को फायदा पहुंचाने का काम तो हुआ ही है, साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पहली बार आला अधिकारियों सहित सभी सरकारी कर्मियों को राहत भी दी जा रही है. मुख्यमंत्री मानते हैं कि पूर्व की सरकार में सभी सरकारी कर्मी अपने अधिकार और हक से वंचित रहे थे. उनके हक और अधिकार में सबसे प्रमुख कर्मियों का प्रमोशन का मामला लंबित रहना था. कोरोना से लंबी लड़ाई जीतने के बाद मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मियों के इस अधिकार और हक की दिशा में काम करने का संकल्प लिया, जिसका नतीजा है कि आज विभिन्न सरकारी कर्मियों को प्रमोशन का लाभ मिल पा रहा है. इसके अलावा झारखंड के सवा लाख से अधिक सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का भी काम हेमंत सोरेन सरकार ने किया है. यह पहल मध्यम वर्ग वाले कर्मियों के लिए काफी राहत की बात है. उपरोक्त सभी कार्यों को करने के पीछे झामुमो नेता की सोच चुनावी लाभ लेना नहीं बल्कि ऐसे लोगों को उनका हक और अधिकार दिलाना है.

*पुरानी पेंशन योजना से 5 लाख लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया हेमंत सरकार ने*

सबसे पहले बात राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के निर्णय की. झारखंड के सरकारी कर्मी पुरानी पेंशन की मांग लंबे समय से कर रहे थे. कर्मियों की सोच थी कि पेंशन बुढ़ापे का सहारा है. भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने कुछ कारणों से सरकारी कर्मियों से पेंशन रूपी सहारे की लाठी को छीन लिया. इसे वापस लेने के लिए पिछले 18 साल से सरकारी काम लंबी लड़ाई लड़ रहे थे. इस समय इस अवधि में अधिकांश समय राज्य में भाजपा और केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए और नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में रही. लेकिन उस लाठी को दोबारा लौटाने का काम हेमंत सरकार ने ही किया. बता दें कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से करीब सवा लाख सरकारी कर्मियों को सीधा फायदा होगा. देखा जाए तो एक परिवार में करीब 4 सदस्य तो जरूर होते हैं. इस हिसाब से 5 लाख लोगों के चेहरे पर दोबारा मुस्कान लाने का काम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है.

*झाप्रसे के 129 अधिकारियों को एसडीओ एवं समकक्ष स्तर पर प्रोन्नति.*

झारखंड प्रशासनिक सेवा के 129 अधिकारियों को अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) एवं समकक्ष स्तर पर प्रोन्नति प्रदान की गई है. इन सभी अधिकारियों की प्रोन्नति का लाभ 24 दिसंबर 2020 की तिथि से विभागीय प्रोन्नति समिति की अनुशंसा के आलाेक में दिया गया है. सरकार के इस पहल से 129 पदाधिकारियों का ग्रेड पे 5400 से बढ़कर 6600 हो जाएगा.

*490 सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों को प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति.*

झारखंड सचिवालय सेवा के क़रीब 490 सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों को प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति दी गईं है. मुख्यमंत्री के इस पहल का झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने स्वागत करते हुए धन्यवाद भी दिया. संघ का कहना था कि प्रमोशन मिलने से अधिकारियों में काफी खुशी है और इससे कार्य करने की क्षमता भी बढ़ेगी.

*19 उप सचिव को संयुक्त सचिव और 50 अवर सचिव को उप सचिव पर मिली प्रोन्नति.*

झारखंड सचिवालय सेवा के 19 उप सचिव को शनिवार को संयुक्त सचिव स्तर के पद पर प्रोन्नति दी गयी है. प्रोन्नति पाये संयुक्त सचिव जिस विभाग में पदास्थापित हैं, वे फिलहाल प्रोन्नति वाले पद पर उसी विभाग मे अगले आदेश तक बने रहेंगे. कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग द्वारा गस आशय की अधिसूचना निकाल दी गयी है. इसके अलावा 50 अवर सचिव स्तर के पदाधिकारियों को भी उप सचिव पद पर उसी विभाग मे प्रोन्नति दी गयी है , जहां वे पहले से पदास्थापित है.

*भाजपा सरकार ने सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य को अंधेरे में रखा, हेमंत सरकार कार्य अवधि बढ़ाने के साथ स्थाई नियमावली बनाने की कोशिश में*

झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों के भविष्य को किस प्रकार पूर्व की भाजपा सरकार ने अंधेरे में रखने का काम किया, यह किसी से छिपी नहीं है. इनकी बहाली सीमित समय के लिए की गई थी. भर्ती नियमावली के अनुसार इनकी सेवा अवधि समाप्त हो रही थी. ऐसे में वे अपने भविष्य को काफी चिंतित थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इनकी चिंता से पूरी तरह वाकिफ थे. यही कारण है कि पिछले दिनों ही उन्होंने इन सहायक पुलिस कर्मियों के कार्य अवधि में ना केवल 1 साल का विस्तार किया बल्कि इन्हें आश्वासन भी दिया कि राज्य सरकार उनके हित में एक स्थाई नियमावली बनाने को प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ने इन सहायक पुलिसकर्मियों से स्थाई नियमावली बनाने को लेकर सुझाव भी मांगे हैं. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से 3000 से अधिक सहायक पुलिस कर्मियों को लाभ मिलेगा.

*अब डीएसपी को आइपीएस और झाप्रसे अधिकारियों को आईएएस में प्रोन्नति की तैयारी.*

उपरोक्त के अलावा जल्द ही झारखंड पुलिस सेवा के डीएसपी को भारतीय पुलिस सेवा और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति देने की सूची यूपीएससी को भेजे जाने की तैयारी हो रही है. राज्य सरकार ने अब तक 28 डीएसपी के नाम का चयन किया है, जिनकी सूची यूपीएससी को भेजी जानी है. डीएसपी से आइपीएस संवर्ग में प्रोन्नति का मामला वर्ष 2016 से लटका हुआ है.
इसी तरह जल्द ही झारखंड प्रशासनिक सेवा के 40 पदाधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति मिलेगी. वर्ष 2019, 2020 और 2021 की रिक्तियों के विरुद्ध यह प्रोन्नति दी जानी है.

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