रांची। नियोजन नीति झारखंड हाई कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई है। परंतु देखना ये है के नियोजन नीति के ना होने के कारण प्लस टू के लिए हुई शिक्षक बहाली में अनारक्षित कोटे में 75 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के बहाल हुए हैं। 11 विषयों के लिए 617 सीटें अनारक्षित कोटे में दिखायी गयी हैं। इसमें सफल अभ्यर्थियों के स्थायी पता के आधार पर आंकड़े निकाले जायें, तो करीब 471 अभ्यर्थी दूसरे राज्य के हैं। इसमें सर्वाधिक यूपी और पश्चिम बंगाल से हैं। यूपी से 200 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्लस टू शिक्षक बहाली में अपना स्थान बनाया है। वहीं बंगाल से 90 से ज्यादा अभ्यर्थी सफल हुए हैं। यूपी से संस्कृत में सर्वाधिक अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल की है। 50 से ज्यादा अभ्यर्थी संस्कृत विषय में सफल हुए हैं। वहीं अंग्रेजी में सबसे ज्यादा बंगाल के अभ्यर्थी अनारक्षित कोटे में आये हैं। बिहार के 50 अभ्यर्थी सफल उपलब्ध सूची के मुताबिक रसायन शास्त्र में 37 अनारक्षित कोटे में सीट थी, इसमें 36 अभ्यर्थी बाहर के राज्य से हैं। इसी तरह संस्कृत के अनारक्षित 57 सीटों पर 51 अभ्यर्थी बाहरी हैं। जीव विज्ञान में भी राज्य के अभ्यर्थियों को जगह नहीं मिल पायी है। दिल्ली व मध्य प्रदेश के अभ्यर्थी भी इसी लिस्ट मे शामिल है। 11 विषयों के शिक्षकों की बहाली में सबसे ज्यादा यूपी व प बंगाल के अभ्यर्थी है। रसायनशास्त्र विषय में 37 में 36 इस राज्य के नहीं है संस्कृत में 57 अभ्यर्थियों में 51 बाहर के राज्य से है। किस विषय कितने छात्र बाहर के राज्य से (अनारक्षित कोटा) आइए जानते है विषय जीव विज्ञान मे 62 मे से 58 रसायन शास्त्र 37 मे से 36 संस्कृत 57 मे से 51 भूगोल मे 62 मे 29 भौतिकी मे 50 में से 37 गणित 47 मे से 37 कॉमर्स मे 65 मे से 59 इकोनॉमिक्स मे 66 मे से 46 अंग्रेजी 74 मे से 40 हिंदी 60 मे से 32 इतिहास में 68 मे से 46 सिटे ऐसी है जिसमें दूसरे राज्य के लोगों को अभ्यर्थी बनाए बैठे है।