जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के सर्वोच्च नेता थे ।वे एक जाने-माने राजनीतिक, पत्रकार ,लेखक, संपादक ,शिक्षाविद और 1925 के में ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। औपनिवेशिक भारत में जयपाल सिंह मुंडा सर्वोच्च पद पर थे ।जयपाल से छोटा नागपुर अब झारखंड राज्य की मुंडा जनजाति के थे ।मिशनरीज की मदद से ऑक्सफोर्ड कॉलेज में पढ़ने गए ।1938 जनवरी में उन्होंने आदिवासी महासभा की अध्यक्षता की ।झारखंड आंदोलन के प्रणेता थे। झारखंड सरकार ने जयपाल सिंह मुंडा के याद में मरांग ओम के जयपाल सिंह मुंडा पारदेसीया छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की ।इस योजना में बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कराया जाता है ,ताकि वे आगे बढ़ सके। इससे उन्हें आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिल पाए। झारखंड सरकार ने इस योजना को शुरुआत उन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का अवसर देती है ,जिनकी आर्थिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ।झारखंड सरकार उन्हें ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका देती है।
3 जनवरी जयपाल सिंह की जयंती इसी तारीख को 1903 में जयपाल सिंह का जन्म हुआ था उस जयपाल सिंह का जिन्होंने झारखंड आंदोलन में भारत को हॉकी में ओलंपिक चैंपियन बनाने और भारतीय संविधान के निर्माण के वक्त पूरे देश के आदिवासियों की आवाज भरकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी उनमें नेतृत्व की अद्भुत गुण था खुद प्रखर वक्ता थे सरल स्वभाव के थे लेखनी के धनी थे और अपनी बात को सरल भाषा में इतनी जोरदार तरीके से रखते थे कि किसी दूसरे के लिए और कुतर्क को काटना मुश्किल होता था लाल बहादुर शास्त्री उस समय के लोकसभा अध्यक्ष अनंत अयंगर लोकसभा सचिव कॉल ओलंपिक टीम के उनके साथी मेजर ध्यानचंद जैसे प्रमुख लोगों ने उनकी गुणों की तारीफ की थी लाल बहादुर शास्त्री ने कहा कि जयपाल सिंह लोकसभा के बहुत ही योग्य सदस्य हैं लोकसभा के अपने भाषणों में संतुलन रखने के साथ ही साथ शक्तिशाली अभिव्यक्ति करने में आदित्य है लोकसभा के विरोध के सदस्यों में एक ऐसे व्यक्ति है जो सब फ्री है लोकसभा अध्यक्ष ने जयपाल जी की भाषण शैली की तारीफ करते हुए कहा था वह एक बहुत ही सुंदर बोलने वाले तथा आशाओं से परी पुत्र झारखंडी नेता है इनके रूम रूम सजगता से भरपूर धन संबंधी जानकारी उनकी बहुत बड़ी उपलब्धि है शांति के प्रतीक हैं और हर व्यक्ति करना चाहते हैं।मेजर ध्यानचंद ने कहा कि जयपाल सियाग हवाई में ही भारत ने पहली बार ओलंपिक का गोल जीता था जब टीम में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद भी थे अपने मित्र जयपाल सिंह के बारे में डांसर ने कहा कि हमने जयपाल सी में इंग्लैंड के हॉकी जगत का विश्व विख्यात खिलाड़ी पाया वास्तव में जयपाल सीहॉकी क्षेत्र में घर-घर की चर्चा के विषय थे उनके द्वारा प्यार किया जाने वाला या व्यक्ति वहां की समाजिक गोष्ठियों का केंद्रीय आकर्षण था।