रांची पुलिस ने बहुचर्चित सुषमा बड़ाइक गोलीकांड का खुलासा कर लिया है. पुलिस के मुताबिक दानिश रिजवान के कहने पर सुषमा बड़ाइक को गोली मारी गयी थी. एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर गठित एसआईटी की टीम ने इस गोलीकांड के मुख्य आरोपी दानिश रिजवान, फरहान और मुदस्सिर को गिरफ्तार किया है. दानिश रिजवान हम पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता है. उसके खिलाफ बिहार के आरा और पटना में नौ मामले दर्ज हैं. वहीं फरहान के खिलाफ यूपी में तीन मामले दर्ज हैं. इन्हें गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में हटिया डीएसपी राजा मित्रा, दारोगा संजय कुमार यादव, रोहित कुमार व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
फरहान की बहन की दानिश से हुई थी शादी
पूछताछ के दौरान शूटर फरहान ने बताया कि वह कई वर्षों से सलीम- शोहराब- रुस्तम गैंग का सक्रिय सदस्य है. लखनऊ में कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है. साल 2020 में उसकी बहन अमरीन की शादी बिहार के आरा निवासी हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान के साथ हुई थी. दो-तीन महीने पहले उसकी बहन अमरीन एवं बहनोई दानिश रिजवान उसके घर लखनऊ आए थे. जहां पर बहनोई दानिश ने बताया कि रांची की रहने वाली एक महिला सुषमा बड़ाईक उर्फ पद्मा बड़ाईक, जिसने झारखंड के आईपीएस अधिकारी पीएस नटराजन समेत कई लोगों के विरुद्ध यौन शोषण व बलात्कार के मुकदमे दर्ज कराए हैं. वह मेरे (दानिश) खिलाफ भी यौन-शोषण के आरोप में केस दर्ज कराने का प्रयास कर रही है. इस सिलसिले में झारखंड उच्च न्यायालय में पिटीशन भी दाखिल की है. सुषमा बड़ाईक द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि उसके बेटे का पिता मैं (दानिश) हूं.
दानिश ने दी थी हत्या की सुपारी
फरहान ने पूछताछ में बताया कि बहनोई दानिश ने सुषमा की हत्या करवाने के लिए रुपए का ऑफर दिया. हथियार व गाड़ी की व्यवस्था कराने की बात कही, वह इस काम के लिए तैयार हो गया. बहनोई दानिश ने उसकी मुलाकात अपने दोस्त बाजारखाला के निवासी मुदस्सिर और बारुद खाना चिकमंडी, लखनऊ निवासी गुड्डू उर्फ उमर से कराई. वहीं पर हम लोगों ने सुषमा को मारने का प्लान बनाया. कुछ दिनों बाद दानिश ने उसे पटना बुलाया, जहां पर दानिश रिजवान द्वारा दो पिस्टल तथा 12 कारतूस के साथ लगभग 30 हजार रुपए दिए गए. सुषमा बड़ाईक की तस्वीर उपलब्ध कराई गयी.
दानिश की सूचना पर सुषमा को गोली
मार कर फरार हो गये तीनों
फरहान ने पुलिस को बताया कि वह पिस्टल व 12 कारतूस लेकर लखनऊ आ गया. 22 नवंबर 2022 को गुड्डू उर्फ उमर के साथ रांची आया. दानिश सुषमा बड़ाईक के प्लाजा चौक के पास वाले घर तथा हरमू चौक के पास स्थित घर का पता बताया. रेकी के बाद दोनों वापस लखनऊ आ गए. फिर कुछ दिन बाद गुड्डू को 12 हजार रुपए दिए. उसे एक मोटरसाइकिल की व्यवस्था करने को कहा. गुड्डू ने चोरी की एक मोटरसाइकिल की. उस पर फर्जी नंबर लगाकर गुड्डू लखनऊ से रांची आ गया. फरहान के मुताबिक, वह मुदस्सिर के साथ बस से 5 दिसंबर को रांची पहुंचा. घटना के बाद हमें कोई ट्रेस न कर सके, इसलिए हम तीनों ने अपने मोबाइल लखनऊ में ही बंद करके आए थे. 5 से 12 दिसंबर तक हम लोगों ने कई बार सुषमा को मारने का प्रयास किया, लेकिन सफल न हो सके. 12 दिसंबर को दानिश ने बताया कि 13 दिसंबर को सुषमा किसी केस के सिलसिले में हाईकोर्ट जाने वाली है. सूचना मिलने के बाद सुषमा को गोली मारकर हमलोग फरार हो गए.