झारखंड के गुज़रे पिछले कुछ साल का इतिहास फ़ासीवाद की आक्रामकता के तौर पर याद किया जाता रहेगा। आम वर्ग की जनता हमेशा ही अपने संघर्षों से नायक पैदा करती है। भाजपा की रघुवर सत्ता ने पिछले पाँच बरस इस प्रदेश के नागरिकों को झुलसाया। परेशान जनता ने सड़कों पर संघर्ष कर नायक के रूप में हेमंत सोरेन को चुना। झारखंड आन्दोलन के कर्मठ सिपाही दिशोम गुरु शिबू सोरेन जिन्होंने अपने संघर्ष से महाजनी प्रथा का नाश कर पीड़ित जनता को अलग झारखंड दिलाया, उनके सुपुत्र हेमंत सोरेन की यह कहानी है।इस जीत ने साफ़ तौर पर यह दिखाया कि राजनीतिक नतीजे सीधे-सीधे आर्थिक हालात व नीतियों पर निर्भर करते हैं। इस जीत ने यह भी दिखाया कि लोकतंत्र अंदर से पूरी तरह खोखला होने से बचा हुआ है। हेमंत सोरेन, जिन्होंने आम मेहनतकश जनता, पीड़ित शोषित महिला, बेरोज़गार युवा जैसे तमाम परेशान जनता के हक़ों की आवाज़ की अगुवाई करते हुए निरंकुश सत्ता को झारखंड से उखाड़ फेंका। 29 दिसम्बर को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया और अपने काम जो गलत को सही करना है, में जुट गए। इन दिनों वे झारखंड के नायक के रूप एक्शन लेते हुए धड़ा-धड़ फैसले ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सोशल मीडिया का प्रयोग व्यवस्था सुधारने के लिए एक हथियार के रूप में करना, चर्चा का विषय बन चुका है झारखंड से लेकर दिल्ली तक। उनके इस कार्यशैली से खुश हो जनता कभी उन्हें नायक की उपाधि दे रही है तो कभी ट्विट को रिट्विट कर लिख रही है कि “ हेमंत जी के आते ही ट्विटर पर भी समाधान दिख रहा है। पहले की सरकार ने तो तो सारे ऑनलाइन तंत्र को अपने प्रचार में लगा रखा था।” सच ही तो है, जो आम जन भावनाओं की कद्र व सुरक्षा करता है वही तो सही मायने में सच्चा नायक कहलाने का हक रखता है
29 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के तीन साल पूरे हो गये. इससे पूर्व सीएम ने अपने आवास में कहा कि तीन वर्षों का कार्यकाल काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. हमने ही नहीं पूरी दुनिया ने वैश्विक चुनौतियों को झेला है. कोरोना जैसी आपदा सरकार बनते ही धमक पड़ा. इस आपदा को भी हमने अवसर में बदलने का प्रयास किया. तीन वर्ष का कार्यकाल जरूर है, पर मोटा-मोटी साल भर ही लंबी लकीर खीचने का मौका मिला है. नीतियां बनी है, उसे वर्ष 2023 में इंप्लीमेंटशन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 22 वर्षों
में राज्य पिछड़ा क्यों रहा, इसका जवाब विपक्ष ही दे सकता है. लेकिन आने वाले समय में इस राज्य में जो अवसर है. उन सबको देखते-समझते आगे बढ़ रहे हैं. 10 साल भी सत्ता में रहें तो राज्य को पिछड़े राज्यों की श्रेणी से खींचकर बाहर निकाल लायेंगे. राज्य के लोगों ने बीस वर्षों के अत्याचार और कुशासन का लंबा मंजर देखा है. आने वाले समय में पूर्व के बीस साल और उनके शासनकाल के तीन वर्षों का भी लोग आकलन करेंगे.
सीएम ने कहा कि वे न तो व्यापारी हैं और ना ही पूंजीपतियों का नेतृत्व करते हैं. गरीबों, मजदूरों, भूखों के प्रतिनिधि हैं. उनके ऊपर आरोप लगाना आसान है, लेकिन ईमानदारी से
काम करना मुश्किल है. वह ऐसे समाज से आते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से कमजोर है. ऐसे लोगों का नेतृत्व इनके बीच का व्यक्ति ही कर सकता है. विपक्ष (भाजपा) मुद्दा और नेताविहीन है. इनके पास सरकार से करने के लिए सवाल ही नहीं है. ये लेट कर बस सपना देखते हैं कि लिफाफा खुल गया और हेमंत सोरेन को हथकड़ी बांध कर ले जाया जा रहा है.
कोई आश्चर्य की बात नहीं कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाये
ईडी और केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि और राजनीतिक हालात को देखते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाये, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं. जब शिबू सोरेन गिरफ्तार हो सकते हैं तो वे किस खेत की मूली हैं. सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन जब देश के कोयला मंत्री थे, तो विरोधियों ने उन्हें कोर्ट-कचहरी कराया. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आदिवासी, दलित, पिछड़ा आगे बढ़ेगा, उन्हें रोकने के लिए इस तरह के षडयंत्र होंगे.
पर वो भी दिन दूर नहीं है जब ऐसे षडयंत्रकारियों के षडयंत्र सफल नहीं होंगे.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों सरकारी पदाधिकारियों से नाराज दिख रहे है. बात चाहे खतियानी जोहार यात्रा के दौरान समीक्षा बैठक में सीओ को सस्पेंड करने की हो या झारखंड मंत्रालय से वीसी के जरिये राज्य के डीसी/एसपी को निर्देशित करने की. सीएम अब अधिकारियों की लापरवाही पर एक्शन के मूड में हैं. सीएम ने समय अवधि के अंदर विकास योजनाओं के निष्पादन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं.
दरअसल सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के अधिकारियों को निदेशित किया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ आम आदमी तक हर हाल में पहुंचे यह सुनिश्चित करें. जिन योजनाओं का शिलान्यास हुआ है उन योजनाओं के कार्यों में तेजी लाया जाए. ऐसी योजनाओं का ससमय उद्घाटन हो इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न जिलों में पहुंचकर योजनाओं की समीक्षा कर रही है. आगे भी समीक्षाएं होती रहेंगी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह जिले के तिसरी अंचल के अंचल अधिकारी को निलंबित करने का निर्देश दिया। वहीं कोडरमा जिले के चंदवारा प्रखंड के बीडीओ तथा सतगावां के अंचल अधिकारी को शो कॉज करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह साल “क्रियान्वयन” का साल है। हर जिलों में चल रही योजनाओं की मॉनिटरिंग करूंगा। किसी भी स्थिति शिथिलता बर्दास्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों से कहा कि सभी अधिकारी और कर्मी नए वर्ष में नए जोश के साथ कार्य करें। योजनाएं धरातल पर उतरे, इसके लिए व्यवस्था की जड़ों को मजबूत करना जरूरी है।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मनरेगा अन्तर्गत मानव दिवस सृजन, योजना आपकी सरकार आपके द्वार,।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दो इंजीनियरों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इन इंजीनियरों में पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल पश्चिम सिंहभूम के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्रा व पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल हाट गम्हरिया के तत्कालीन सहायक अभियंता दीपनारायण साहा शामिल हैं। इनपर सरकारी पद का दुरुपयोग कर अपराधिक साजिश, धोखाधड़ी कर वित्तीय अनियमितता के आरोपों की पुलिस जांच में पुष्टि हुई है। इनपर अभियोजन चलाने की अनुमति देने संबंधित फाइल पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है। इन आरोपितों के विरुद्ध पश्चिम सिंहभूम के हाटगम्हरिया थाने में 19 अक्टूबर 2016 को मिलजुलकर धोखाधड़ी किए जाने से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्तमान में कांड अनुसंधान के अधीन है, जिसमें भादवि की कई अन्य धाराएं भी जुड़ी हैं।
राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री ने सख्ती शुरू कर दी है। पूर्व में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध ठोस कदम उठाया। मुख्यमंत्री ने हेहल अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने, एसीबी पलामू में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग के माध्यम से दर्ज प्राथमिकी में अभियुक्त सहायक जिला कल्याण कार्यालय पलामू मनोज कुमार एवं जिला कल्याण पदाधिकारी पलामू सुभाष कुमार के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी इसके अलावा भी उन्होंने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंद कुमा, सदस्य अभियंत्रण आरएन सिंह व मेसर्स बिहार फाउंड्री एवं कास्टिंग लिमिटेड के प्रोपराइटर गौरव बुधिया के विरुद्ध निगरानी से जांच कराए जाने की स्वीकृति दी है।