झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की हेमंत सोरेन की सरकार ऐसे ऐसे काम में कर रही है जो कई साल तक सत्ता में रहकर बीजेपी ने नहीं किया उनकी सरकार आम जनता के सपनों को साकार कर करने का काम कर रही है।चंपई सोरेन ने कहा कि अलग राज्य के गठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। झारखंड गरीब नहीं बल्कि अमीर प्रदेश है। यहां अकूत खनिज संपदा है। बस सकारात्मक सोच के साथ काम करने की जरूरत है। कहा कि राज्य का विकास दूसरे के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। कहा कि यहां के संसाधनों का सही उपयोग कर राज्य को आने वाले दिनों में आदर्श प्रदेश बनने की ओर है। आने वाले दिनों में पूरे देश में झारखंड की अलग पहचान स्थापित होगी।
चंपई ने कहा कि कोविड-19 के कारण एक साल तक तमाम गतिविधियां ठप रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत के नेतृत्व में राज्य की जनता के लिए गंभीरता से प्रयास किया जाता रहा। इस कालखंड में सुदूरवर्ती गांवों तक सरकार व्यवस्थाएं बहाल करने में सफल रहीं। प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को भी सरकार ने गंभीरता से हल किया है। कहा कि आने वाले दिनों में सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान देगी।
पूर्व मंत्री व शिकारीपाड़ा के झामुमो विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि आने वाला साल झारखंड के लिए उम्मीदों से भरा है। कहा कि हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार सकारात्मक सोच के साथ विकास की गति को तेज कर रही है। कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए सामूहिक प्रयास की दरकार है। सरकार के साथ यहां के मूलवासी भी विकास में अपनी महती भूमिका निभाएं और राज्य के विकास में भागीदारी तय करें। नलिन ने कहा कि राज्य की जनता के प्रति हेमंत सरकार संवेदनशील है। बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार कई पहल कर रही है। हेमंत सरकार ने समाज के हर तबके के लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर काम करने का निर्णय लिया है और अब इसका नतीजा दिखने लगा है।
दुमका के विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष सरकार के कामकाज पर हमेशा सवाल खड़ा करती है, लेकिन एक साल में हेमंत सरकार ने जो लकीर खींची है, उससे विपक्ष को करारा जवाब मिल गया है। कहा कि कोविड-19 के दौरान तमाम मुसीबतों के बीच जब सबका घरों से निकलना मुश्किल था, तब सरकार ने अपने वादे व एजेंडों को धरातल पर उतारने के लिए प्रयास किया। कहा कि बीते तीन साल में हेमंत सरकार ने महिला सशक्तीकरण के लिए कई काम किए हैं। आने वाले दिनों में हड़िया- दारू बेचने वाली महिलाएं भी स्वरोजगार से जुड़कर खुद को सशक्त बनाएंगी। इसके लिए सरकार ने इन्हें सहारा देना शुरू कर दिया है। दीदी बाड़ी के जरिए महिलाएं आर्थिक तौर पर सशक्त बनेंगे और झारखंड से कुपोषण का कलंक भी मिटेगा |
नीलांबर-पीतांबर के वंशज को सम्मानित किय हेमंत सोरेन ने कहा कि वीर शहीद के वंशज यहां निवास करते हैं. कहा कि यहां की भौगोलिक बनावट ऐसी थी कि राज्य बनने के बाद यहां के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की आवाज नहीं पहुंच पाई. आज उनकी सरकार गांव तक पहुंच कर उनका विकास कर रही है.
जून 2022 को हेमंत सोरेन ने ऐलान किया कि राज्य के किसी भी आंदोलन में किसी भी तरह की भूमिका निभाने वालों को लोगों को उनकी सरकार 3,500 रुपये से लेकर 7,000 रुपये तक की पेंशन और दूसरे सुविधाएं देगी. आंदोलनकारी की मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रितों को यह लाभ मिलेगा.
ह हेमंत सोरेन सरकार में लिए गए कुछ खास निर्णय जिसका राजनीतिक काट विपक्ष के पास नहीं है.
पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान किया- लंबे समय से आंदोलनरत पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान किया. राज्य के 72 हजार पारा शिक्षकों के लिये सहायक अध्यापक नियुक्ति नियमावली लागू की गई. 50 हजार पदों का सृजन भी शिक्षा विभाग ने कर दिया है. झारखंड में पुरानी पेंशन योजना की शुरुआत इस योजना से करीब 1 लाख 10 हजार सरकारी कर्मियों को लाभ मिलना तय माना जा रहा है और यह हेमंत सोरेन सरकार का मास्टरस्ट्रोक भी कहा जा रहा है. पुलिसकर्मियों को क्षतिपूर्ति अवकाश-राज्य के 70 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को क्षतिपूर्ति अवकाश का लाभ मिलना तय है. 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश को लेकर अधिसूचना जारी की गई. इसके अतिरिक्त झारखंड में यूनिवर्शल पेंशन की शुरुआत की गई है. अब हर महीने की 5 तारीख को एक हजार रुपया पेंशन शुरू हो गयी है. झारखंड ST/SC/OBC और अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने का मौका प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत छात्रवृति में भी बढ़ोतरी की गई है. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि ये के तहत छात्राओं को 40 हजार रुपये तक देने की शरुआत की गई है. वहीं, राज्य के सभी 24 जिलों में खेल पदाधिकारी का पहली बार नियुक्ति की जा रही है.