स्वरोजगाज से युवाओं को जोड़ने से होगा नक्सलवाद का अंत

झारखण्ड
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बिहार से अलग निकलकर झारखंड राज्य बने तो करीब दो दशक गुजर गए। इस दौरान कई सरकारें आई और कई सरकारें चली गईं, कई मुख्यमंत्री बने और कई मुख्यमंत्री सत्ता से दूर हुए, लेकिन नक्सलवाद की समस्या तब भी थी और आज भी है। सभी सरकारें इसे चुनौती के रूप में लेते हुए खत्म करने का वादा जरूर करती रहीं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, कई राजनीतिक दल नक्सलवाद को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता तक पहुंच भी गए, लेकिन लोगों के लिए यह समस्या आज भी बनी हुई है। एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कांग्रेस, झाखंड मुक्ति मोर्चा ( झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार बनी है और इसके सामने में चुनौती नक्सलवाद की समस्या है।
झारखंड में नई सरकार बनते ही एक बार फिर से नक्सल अभियान तेज करने की कवायद शुरू हो गई है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक भी कहते हैं कि सरकार ने चुनौती के रूप में नक्सलवाद को लिया है और चुनौती के रूप में इसे खत्म करेंगे।
पुलिस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खेल, व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण देकर युवाओं व बच्चों और कानूनी सलाह, वूमेन हेल्प लाइन, चाइल्ड हेल्प लाइन के माध्यम से लोगों से जुड़ने का प्रयास कर रही है। पुलिस की मंशा यह है कि युवाओं पर नक्सलियों का साया तक न पड़े सके और उन्हें किसी भी हालत में न बहका सकें। इसी योजना के थाना क्षेत्र में खेल स्पर्धा का आयोजन किया। इसमें 8 गावों के 750 बच्चों हिस्सा लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। कोटवारों और शिक्षकों छाता और गमछा दिए। महिलाओं को साड़ी बांटी। ग्रामीण महिला-पुरुषों, जन प्रतिनिधि और पंचायत प्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम का हिस्सा बनाया। कार्यक्रम पुलिस का था लेकिन सबकी भागीदारी के कारण यह लोगों का कार्यक्रम बन गया।
पुलिस सीमा क्षेत्र में नक्सलियों के कॉरिडोर को ध्वस्त किया जा सके। गांव के हाईस्कूल मैदान में हुए कार्यक्रम में दो हजार से भी ज्यादा लोग पहुंचे थे। कार्यक्रम की शुरुआत खेलकूद प्रतियोगिता से सुबह 8 बजे हुई।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित शिक्षकों के साथ अन्य
जनप्रतिनिधियों ने पुलिस विभाग की ओर से आयोजित
कार्यक्रम की काफी सरहना की। वहीं पुलिस अधिकारियों ने
लोगों से अपील करते कहा कि लोग चाहें तो पुलिस में भर्ती हो
सकते है। शरीर को इसके लायक बनाने के लिए पुलिस ही
ट्रेनिंग दे रही है। युवा मुफ्त फिजिकल ट्रेनिंग के साथ थ्योरी की भी ट्रेनिंग दी गई।
पुलिस में भी मिल सकता है रोजगार लें प्रशिक्षण कानूनी सलाह और वुमेंस हेल्प लाइन की जानकारी दी तीन घंटे तक अफसरों ने महिलाओं और कोटवारों की समस्याएं सुनकर निराकरण करने का वादा भी किया। ग्रामीण महिला-पुरूष, युवा और छात्रों को महिला जागरूकता के लिए कानूनी सलाह के साथ यातायात नियमों की जानकारी, वुमेन्स हेल्पलाइन और चाइल्ड हेल्पलाइन की सुविधा के बारे में बताया गया। एटीएम से होने वाले धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को जानकारी दी गई।
मिला नकद पुरस्कार और रनिंग शील्ड सीनियर व जूनियर वर्ग की प्रतियोगिताओं में खोखो, कबड्डी, वालीबॉल, 100 मीटर रेस में दिन भर मुकाबले हुए और प्रथम आने वाली टीम को शील्ड के साथ 1 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। सभी खेलों की टीम और उनके खिलाड़ियों को कीट और लोवर टीशर्ट भी दिए गए।
बच्चे और ग्रामीण महिला एक साथ इतने सारे पुलिस अधिकारियों व खास लोगों को अपने बीच पाकर खुश हो गए। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ये सब उनकी मदद और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आए हैं।

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