हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा को केवल व्यापारियों की चिंता है, जबकि हमारी सरकार आदिवासियों-मूलवासियों, ग रीबों, पिछड़ों, दलितों, किसानों के लिए काम करती है। हम ऐसे लोगों का पेट भरने से लेकर उन्हें राज्य की नौकरियों में हक दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारी सरकार ने स्थानीय युवाओं को हक देने के लिए 1932 के खतियान पर आ धारित स्थानीय और नियोजन नीति लाई तो इसे राज्यपाल ने उसे असंवैधानिक बताकर वापस लौटा दिया। मुख्मयंत्री हेमंत सोरेन ने कहा,अब समय आ गया है कि जब इस राज्य के मूलवासी और आदिवासियों को एक छत के नीचे आना होगा। हेमंत सोरेन ने राज्य के विकास और सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, राज्य तो हमलोगों ने लड़कर ले लिया। सत्ता ऐसे लोगों के हाथ में चली गयी जिन्होंने कभी राज्य का भला नहीं सोचा। ऐसे लोगों के हाथ में राज्य रहा है। जिन्हें यहां की जंगल जमीन से लेना देना ना हो वो इस राज्य के लिए कैसे संवेदनशील हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में कुछ पनडुब्बी बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें भी जवाब देने की तैयारी है। इन्हें पता है कि अगर यह व्यक्ति पांच साल टिका तो यह बाहर से आकर राजनीति करने नहीं देगा। अब आप लोगों को जवाब देना है। आप खड़े रहिए आप डटे रहिए मैं इन सबको एक-एक करके देखा लूंगा। आज हमें एक लड़ाई और लड़नी है राज्य लिया अब राज्य के विकास के लिए लड़ना होगा।
बाहर से आकर यहां जो राजनीति करते है उन्हें बाहर उखाड़ फेंकना है।
