संवेदनशील सीएम पर सब हैं कायल

झारखण्ड
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झारखंड ने नहीं देखा ऐसा संवेदनशील सीएम
अपना सीएम
सबका सीएम
हेमंत

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारी सरकार मजदूरों, किसानों के प्रति संवेदनशील है। मैं खुद किसान व मजदूर का बेटा हूं इसलिए मैं इनका दर्द बखूबी समझता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी जान चली जाए लेकिन मजदूरों को मरने नहीं दूंगा। उनकी हकमारी कोई नहीं कर पाएगा। राज्य सरकार श्रम कानून के प्रावधानों के अनुरूप उन्हें हर संभव सहायता मुहैया कराएगी। लेह लद्दाख जाने वाली स्पेशल ट्रेन में दुमका समेत पूरे प्रमंडल से करीब 1600 मजदूर रवाना किया।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं और निर्दलीय विधायकों को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने राज्य के लोगों को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का निवेदन किया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा है कि झारखंड में कई पदों और
सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2022 और
झारखंड में स्थानीयता को परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध करने के लिए राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल हों. ताकि उपरोक्त विधेयक को शीघ्र कानून का रूप मिल सके. ये श्री हेमंत सोरेन की संवेदनशीलता दर्शाती है।सीएम हेमंत सोरेन संक्रमण का कालखंड हो या कोई समय, मुख्यमंत्री आपकी है सरकार, साझा करें सरोकार के मंत्र को त्वरित समस्या समाधान का तंत्र बना कर चल रहे हैं। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री अधिकारियों को निर्देश देते रहें हैं, जिसका सीधा लाभ लोगों को मिला है। 2020 के संक्रमण के दौर में तो मुख्यमंत्री ने ट्वीटर के जरिये सबसे अधिक प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को मदद पहुंचाई। संक्रमण की दूसरी लहर में भी मुख्यमंत्री इस माध्यम के जरिये लोगों तक मदद पहुंचाने संजीदा रहे।
मुख्यमंत्री को बाघमारा के फतेहपुरा निवासी नीरज कुमार झा के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी दी गई। संक्रमण काल में पीड़ित के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कहा था। परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे किडनी ट्रांसप्लांट करा सके। जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नीरज के इलाज के लिए सहायता करने का निर्देश दिया। ऐसे ही रांची के बेड़ो स्थित सेरो गांव के लोग दूषित पानी पीने पर विवश थे, इससे गांव में बीमारियां फैल रही थीं।
मुख्यमंत्री ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए गांव में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने को कहा। ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब मुख्यमंत्री ने अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग दूत के रूप में कर आम लोगों को राहत दी। फिर वो ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने की बात हो या गंभीर स्थिति से जूझ रहे मरीजों को मदद पहुंचाने की। मुख्यमंत्री संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य की जनता के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुलिस पदाधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों को आम जनों के प्रति अधिक संवेदनशील रहकर कार्य करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने एसटी/एससी अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत लंबित मामलों तथा साइबर फ्रॉड से संबंधित मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मी आम जनता के साथ समन्वय स्थापित कर उनके समस्याओं का निष्पादन करें. राज्य के पुलिसकर्मी कुशल व्यवहार के साथ-साथ मृदुभाषी बनकर राज्य में विधि- व्यवस्था का पुख्ता संधारण सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या और शिकायत लेकर थानों में पहुंचे लोगों के साथ आत्मीयता से पेश आएं. आपकी वजह से उन्हें कोई परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखें. किसी भी तरह से उनके साथ अनुशासनहीनता का परिचय न दें.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशील है। इस तरह का कोई भी मामला सामने आता है तो उसपर तत्काल संज्ञान लेते हुए सहायता उपलब्ध कराई जाती है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हेमंत सरकार गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा लगातार करती आ रही है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जनमानस से जुड़ी समस्याओं की जानकारी दें। ऐसे मामलों में सरकार तत्काल संज्ञान लेते हुए जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम करेगी।

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