हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के युवाओं को रोजगार के लिए राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराएगी। आदिवासी व मूलवासी युवा को उनका अधिकार दिलाने के लिए राज्य सरकार वैकल्पिक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है। यह घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट द्वारा नियोजन नीति रद्द कर दी गई है। राज्य सरकार ने नवंबर में 1932 आधारित स्थानीय और नियोजन नीति बनाने का विधेयक पास किया
झारखंड की निजी कंपनियों में 75 फीसद नौकरी का नियम लागू हो जायेगा । श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने यह जानकारी दी है।
प्रदीप यादव और सुदिव्य कुमार ने दोनों विधायकों ने इस नियम को झारखंड के युवाओं के लिए वरदान बताया था। साथ ही कहा कि अगर सरकार सख्ती से इसे लागू नहीं करेगी, तो झारखंड के युवाओं को नौकरी मिलने में काफी परेशानी होगी। साल 2021 में इस कानून को सदन ने पारित कर दिया गया था लेकिन इससे जुड़े नियम अब तक लागू नहीं किए गये। इस नियम के साथ युवाओं से अपील की गयी थी कि 30 दिन के भीतर सभी नियोक्ता श्रम एवं रोजगार विभाग में अपना पंजीयन करा लें।
निबंधन की प्रक्रिया पर प्रदीप यादव ने सवाल खड़े करते हुए कहा, नियोक्ता इस तरफ उत्साहित नजर नहीं आ रहे। 30 दि ऐप खोलें काओं को निबंधन कराना था, लेकिन तीन महीने से ज्यादा बीतने के बाद महज 404 नियोक्ता पंजीकृत हुए हैं। इस दिशा में सरकार की नीति अच्छी है और इसे लागू करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए।
अब तक सिर्फ 404 ने कराया निबंधन।
प्रदीप यादव ने कहा, राज्य में लगभग 4,000 कंपनियां हैं, जो लोगों को नौकरी देती हैं। उनमें से अब तक सिर्फ 404 ने निबंधन कराया है। सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए कि कैसे ज्यादा से ज्यादा नियोक्ता निबंधन कराएं और युवाओं को नौकरी मिले। उन्होंने कहा, बाहरी कंपनियां अपने साथ काम करने वाले लोग भी बाहर से लेकर आती है। ऐसे में स्थानीय युवाओं को मौका नहीं मिलता। इस कानून का सख्ती से पालनही सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए। सरकारी विभाग भी आजकल आउटसोर्सिंग के जरिये श्रमिकों की नियुक्ति कर रहे हैं. अगर गिरिडीह में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति होनी है, तो आउटसोर्सिंग कंपनी रांची से कम्प्यूटर ऑपरेटर भेजती।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भव्य समारोह में 11,406 युवाओं को निजी क्षेत्रों में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा। इन सभी युवाओं का चयन निजी क्षेत्रों ने अपनी आवश्यकता के अनुसार किया। युवाओं का चयन विभिन्न जिलों में नियोजनालयों में आयोजित भर्ती कैंप के माध्यम से हुआ। कुछ युवाओं का चयन उद्योग विभाग ने भी अपने प्रयास से कराया तो कई ऐसे युवाओं को भी नियुक्ति पत्र दिए गए जिन्होंने राज्य में स्थापित कौशल विकास केंद्रों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
हेमंत सोरेन ने ‘बढ़ती बेरोजगारी’ को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि रक्षा बलों, बैंकों और रेलवे में नौकरी के अवसर कम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले किसानों और मजदूरों के बेटे रक्षा बलों में शामिल होते थे, लेकिन अब, अग्निवीर योजना शुरू की गई है, जो केवल चार साल के लिए रोजगार की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों के पढ़े-लिखे बच्चे बैंकों और रेलवे से जुड़ते थे, लेकिन अब बैंकों की संख्या कम कर दी गई है और रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि जब उनकी सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए ‘खतियान’ या भूमि रिकॉर्ड – आधारित कानून बनाया, तो इसे असंवैधानिक करार दिया गया, जबकि केंद्र भी सरना कोड के मुद्दे पर चुप है।