जल, जंगल और जमीन झारखंड की पहचान हैं. ये इस राज्य की अस्मिता से जुड़े हैं. ऐसे में सरकार इसे बचाने के लिए कृत संकल्पित है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज जिला भ्रमण कार्यक्रम के तहत सिमडेगा में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि जल जंगल और जमीन के बीच सामंजस्य बैठाते हुए सतत विकास की ओर आगे बढ़ें. हमारी सरकार इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपना काम पूरी ईमानदारी के साथ करें ताकि राज्य का विकास हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा हमने झारखंड अलग राज्य निर्माण के लिए लंबा संघर्ष किया है. इस आंदोलन में कई आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दी. आज हम अपने शहीदों के सपनों के अनुरूप झारखंड के नव निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं
इस कड़ी में 1932 के खतियान को हमने विधानसभा से पारित किया तो उसका पूरे राज्यवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. हमारी कोशिश यही है कि यहां के लोगों को उनका पूरा हक और अधिकार दें. इस सिलसिले में सरकार जो भी जरूरी कदम होगा उसे उठायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम सरकार कह रही है. इस सिलसिले में किसानों और मजदूरों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, ताकि उन्हें सशक्त बनाने के साथ उन्हे अपने
घर में रोजगार उपलब्ध करा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाने के साथ रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य सरकार ने किया. वहीं, कम बारिश की वजह से राज्य में जो सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई उसमें किसानों को राहत देने के लिए प्रति किसान 3500 रुपये दिये गये.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सरकार द्वारा संचालित सर्व जन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, दीदी बाड़ी योजना सोना सोबरन धोती साड़ी योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना जैसी कई योजनाओं की जानकारी लोगों को दी. उन्होंने लोगों से कहा कि इन योजनाओं से जुड़े और दूसरों को भी जुड़ने के लिए प्रयास करें।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2023 योजनाओं के क्रियान्वयन का वर्ष है. हमारा पूरा फोकस योजनाओं की गति को रफ्तार देना है. इस कड़ी में योजनाओं की प्रगति की लगातार निगरानी हो रही है. योजनाएं वास्तविक रूप से धरातल पर उतरे. आमलोगों को तमाम योजनाओं का पूरा लाभ मिले. इसमें अधिकारियों-कर्मचारियों की अहम भूमिका है.
आप अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ निभायें, वरना आपके खिलाफ सरकार कार्रवाई करने को बाध्य होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास सरकारी कर्मियों की एक बड़ी फौज है. इनके वेतन पर सरकार बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती हैं. इसके बाद भी अगर योजनाओं की गति धीमी हो. योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिले, तो आप को बैठा कर वेतन देना कहीं से मुनासिब नहीं होगा.
मुख्यमंत्री ने लातेहार शहर में न्यू पुलिस लाइन जाने के रास्ते नदी पर 2016 से बन रहे पुल का निर्माण कार्य अब तक अधूरा रहने पर पुल का निर्माण करा रहे गायत्री बिल्डकॉन को टर्मिनेट करने का निर्देश दिया. वहीं चतरा जिले के टंडवा प्रखंड में जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति योजना का कार्य कर रही श्रीराम इपीसी कंपनी को भी कार्य की धीमी गति को लेकर शो-कॉज जारी करने का निर्देश दिया. सीएम ने चतरा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन योजना की धीमी रफ्तार पर जिला पशुपालन पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए 21 फरवरी तक की डेटलाइन देते हुए निलंबित करने की चेतावनी दी.
सीएम ने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा उपलब्धियों को दिखाने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी की जाती है. लेकिन, आज सूचना तंत्र काफी मजबूत हो चुका है. अब समीक्षा बैठकों में आंकड़ों के साथ उससे संबंधित फोटो भी देखूंगा, ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके. इसलिए, आप आंकड़ों का खेल नहीं खेलें. योजनाओं को जमीन पर उतारें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कागज में आपने जो लिखा है, वह हकीकत में दिखनी चाहिए.
