झारखंड राज्य का गठन आदिवासियों के नाम पर हुआ था. यहां 30 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. कई आदिम जनजातियां इस प्रदेश में निवास करती हैं. आदिवासियों के नाम पर राज्य में राजनीति तो खूब होती है, सरकारें घोषणाएं भी खूब करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर देखेंगे, तो आदिम जनजातियां बहुत ही बुरी दशा में जी रही हैं. इनके सिर पर छत नहीं है. सरकारी योजनाओं को लागू करने में प्रशासनिक अधिकारियों की कोई दिलचस्पी नहीं है. सबर जनजाति के लोगों को पेंशन भी नहीं मिल रही. लेकिन क्या वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार आदिम जनजातियों पर विशेष ध्यान दे रही है। इंटेक्स झारखंड सरकार की सारी योजनाओं का पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पहल पर आदिम जनजाति समुदाय सबर को नया जीवन मिल गया। खतरनाक रूप से जकड़ चुके चर्म रोग से अब उसे मुक्ति मिल जाएगी। चिकित्सकों ने आश्वस्त किया है जल्द टुना अपने पुराने स्वरूप में नजर आएंगे।
पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड के केन्दुआ प्रखंड स्थित दंपाबेडा गांव में निवास करने वाले एक बेहद गरीब व्यक्ति टुना सबर की बीमारी से संबंधित मामले की जानकारी मुख्यमंत्री और मंत्री चंपई सोरेन को प्राप्त हुई। मुख्यमंत्री ने तत्काल उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम विजया जाधव को टुना के बेहतर इलाज का निर्देश दिया। मंत्री चंपाई सोरेन भी उपायुक्त को लगातार इस संबंध में निर्देश देते रहे। मुख्यमंत्री का निर्देश और मामले की जानकारी मिलते ही उपायुक्त ने एम्बुलेंस भेज टुना सबर को जमशेदपुर स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों की एक टीम टुना सबर का इलाज कर रही है।
डुमरिया प्रखंड अंतर्गत केंदुआ पंचायत के दंपाबेड़ा में बीमार टुना सबर अन्य सबर परिवार के लिए वरदान साबित हुआ। उपायुक्त के निर्देश पर गांव में विशेष शिविर लगाकर सभी सबर परिवारों के स्वास्थ्य जांच की गई। सबर जनजाति के बारह परिवार दंपाबेड़ा में निवास करते हैं। सभी को डाकिया योजना के तहत माह जनवरी तक खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत बकरी पालन के लिए स परिवार से आवेदन लिए गए हैं। जल्द सबर परिवारों को से आवेदन लिए गए हैं। जल्द सबर परिवारों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ दिया जायेगा ।आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के बाद एवं पूर्व से ही वर्तमान सरकार राज्य के दुर्गम क्षेत्र में निवास करने वालों तक पहुंच रही है। विकास और योजनाओं से अछूते लोगों को कैम्प लगाकर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।