मोदी सरकार में अडानी पर आवाज क्यूं नहीं निकल रही? अडानी का नाम आता है तो भाजपा का हाथ-पांव फूल जाता है क्या?
रघुबर सरकार में पूजा सिंघल मामले में फ़ाइल क्यूँ दबाई गयी थी, बताये भकाजप के महान नेता? क्या उसमें रघुबर दास जी की संलिप्तता थी। अमित शाह जी से सरेआम हेमन्त सरकार की अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिराने की बात कहने वाले परम् आदरणीय बाबूलाल जी को शर्म के मारे राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए था। मगर सत्ता लोलुपता इनसे क्या न कराये।
एक जमाने मव कहते थे रघुबर सरकार के कार्यकाल की सीबीआई जांच कराएं।
और आज देखिए। गलबहियां हो रही है। विशाल चौधरी किसके शासन काल में आया? प्रेम प्रकाश को हवा किसने दी? सबकी सुई भाजपा की तरफ घूमेगी। मगर कीचड हेमन्त सोरेन जी पर चलेगा?
अरे बाबूलाल जी तो ऐसे आदमी हैं जो राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला करने वाले आरोपी को माला पहनाये थे। हेमंत सोरेन से इनकी लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि अपनी कोई निजी खुन्नस निकाल रहे यह उनसे। यही हेमंत सोरेन है जिसने बाबूलाल के बेटे के हत्यारे को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया। मगर बाबूलाल जी को सिर्फ कुर्सी चाहिए, कुर्सी।