कृषि कार्य, बेहतर सिंचाई प्रबंधन और बेहतर सुशासन जैसी योजनाओं को लेकर चर्चा में है खूंटी जिला.
किसान पाठशाला और जल प्रबंधन में बोरी-बांध जैसी योजनाओं के बाद अब बेहतर सुशासन वाली पंचायत भी इसी जिले से
Ranchi : झारखंड का खूंटी जिला. ऐसा जिला जो देश में हर वक्त चर्चा में रहा है. कभी नक्सलवाद के रूप में तो कभी पत्थलगड़ी जैसे आंदोलन के रूप में. पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के समय तो पत्थलगड़ी आंदोलन एक देशव्यापी मुद्दा बना. आंदोलन को देश और संविधान विरोधी माना गया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस पर संज्ञान लिया. पत्थलगड़ी को लेकर खूंटी जिले के विभिन्न थानों में कुल 19 मामले दर्ज हुए. कई हजार लोग नामजद आरोपी बनाए गए. आज झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की सत्ता है. आज यहीं खूंटी जिला विकास की राह पर चलते हुए देश को कई बेहतरीन योजनाओं की सोच दे रहा है. इसमें किसान पाठशाला जैसी अनूठी योजना, सिंचाई प्रबंधन के लिए बोरी बांध योजना और बेहतर सुशासन कराने की सीख देना शामिल हैं.
*कुडलुम पंचायत के लोगों को हर सरकारी योजनाओं का मिल रहा लाभ, कारण – बेहतर सुशासन*
खूंटी के कर्रा प्रखंड स्थित कुडलुम पंचायत आज पूरा देश जानने लगा है. करीब 90 प्रतिशत आदिवासी बहुल वाला यह पंचायत एक ऐसा पंचायत है, जहां के लोगों को राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रायः हर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला रहा है. इससे यहां कोई पलायन नहीं करता और ना ही बेरोजगारी. यहां के अधिकांश पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनकर अपना जीवन यापन कर रहें हैं. इसे देखते हुए ही केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के तहत बेहतर सुशासन वाली पंचायत अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया है.
*किसान पाठशाला की शुरूआत भी खूंटी से, अब केंद्र की 11 मंत्रालय ने भी किया एप्रूव.*
खूंटी झारखंड का पहला ऐसा जिला बना है, जहां पर किसान पाठशाला जैसी अनूठी पहल शुरू की गयी है. इस पाठशाला में कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के तरह-तरह के उपाय सिखाया जा रहा है. किसानों को बताया जा रहा है कि वे कम लागत में कैसे अधिक से अधिक आमदनी कर सकते हैं. किसानों को आधुनिक यंत्रों एवं जैविक खाद से अधिक पैदावार के बारे में जानकारी दी जा रही है. किसान पाठशाला की उपलब्धि ऐसे भी समझी जा सकती है कि नीति आयोग के अनुमोदन के बाद 11 मंत्रालयों ने इसे अपने यहां लागू करने का फैसला किया है. वहीं, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने यहां 17,000 किसान पाठशाला बनाने का फैसला किया है.
*खूंटी के बाद अब 17 अन्य जिलों में किसान पाठशाला पर काम शुरू.*
अक्टूबर 2022 को जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसान पाठशाला की शुरूआत की, तब उन्होंने पूरे राज्य में ऐसे 100 और किसान पाठशाला शुरू करने की घोषणा की. अब तक 17 अन्य जिलों में किसान पाठशाला खोलने का टेंडर कर एजेंसी का चयन कर लिया गया है. इसमें रांची में बुंडू, लातेहार में मनिका, गढ़वा में मेराल, दुमका में रनेश्वर, पूर्वी सिंहभूम में पाटम्बा, गुमला में बसिया, साहेबगंज में बरहवा, लोहरदगा में कुडू, हजारीबाग में बड़कागांव, पश्चिम सिंहभूम में झींकापानी आदि जगह शामिल हैं.
*बोरी बांध मॉडल जल संरक्षण की दिशा में बेहतर पहल, शुरूआत खूंटी से ही..*
जल संरक्षण की दिशा में खूंटी से ही एक अनूठी योजना बोरी बांध मॉडल की शुरूआत हुई है. इसे सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने शुरू किया था. सोसाइटी ने शुरूआत में लगभग 110 बोरी बांध बनाए थे. बाद में क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ते गए. आज हजारों ग्रामीणों ने इस जल आंदोलन से जुड़कर जल प्रबंधन कार्य में अपना श्रमदान किया है. एक जानकारी के मुताबिक आज जिले के 90 से ज्यादा गांवों में सैकड़ो बोरी बांध बनाए गए हैं. इससे लगभग एक हजार एकड़ जमीन की सिचाई हुई है. मवेशियों के पीने, ग्रामीणों के नहाने-धोने के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो गयी. आज जिस गांव में यह पहल हुई वहां पर जल संकट छटी है. भूगर्भीय जलस्तर भी ऊपर आया है.