झारखंड विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया। सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में भाजपा के किये गये हंगामा का एक-एक कर जवाब दिया। सीएम ने सदन में नियोजन नीति और सरकार की योजनाओं सहित कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात तो रखी साथ ही स्पष्ट कहा की नियोजन नीति पर उनकी सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है। 1932 हमारा था, हमारा है और आगे भी हमारा रहेगा। हमारी सरकार झारखंड में 1932 लागू करा कर रहेगी।
मुख्यमंत्री ने 1932 खतियान और नियोजन नीति को लेकर भाजपा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा 1932 की की बात करती है, लेकिन 1932 के विरोध में हाई कोर्ट भी जाती है।
भाजपा पहले बताए कि वह 1932 के समर्थक है या 1985 की। जब हम झारखंड के लोगों के लिए थर्ड और फार्थ ग्रेड की नौकरी के लिए कानून बनाते हैं तो यही लोग विरोध करते हैं। वर्तमान सरकार ना राज्य में किसी की जातपात पर राजनीति करती है ना इन्हें अलग ढंग से देखते हैं।
हेमंत सोरेन ने केन्द्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने राज्य सरकारों को भिखमंगा बनाकर रख दिया है। महंगाई में रॉकेट का इंजन लग गया है, यह ठहर नहीं रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान पर हैं। कहीं पर भी एक भी जगह गरीब, किसान, मजदूर को राहत दी गयी है।
हेमंत सोरेन ने केन्द्र के अमृतकाल पर भी सवाल दागे। उन्होंने कहा कि कौन हैं जो अमृत पी रहा है। यह कैसा अमृत काल है। इन लोगों के आते ना किसान, ना मजदूर, ना व्यापारी अपने पैरों में खड़े नहीं हो पा रहा। पांच वर्षों में 76 प्रतिशत एमएसएमई को कोई मुनाफा नहीं हुआ आमदनी घट गयी । आज देश में 45 करोड बेरोजगार हो गये हैं। ऐसा लगता है दो-पांच व्यापारी ही महान बन गये हैं। कोयले में 1 लाख 12 हजार करोड़ भारत सरकार के पास बकाया है। जब पैसा मांगो तो ईडी, सीबीआई लगा देते हैं। रसोई गैस की कीमत दोगुना किसने किया। दाल-चावल का दाम किसने बढ़ाया।
हेमंत सोरेन ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन कंपनी का क्या हाल हो गया. यह बीजेपी के लोगों को भी पता है. जो कंपनी सभी लोगों के जीवन के हितों का ध्यान रखते थे सभी लोग अपने जीवन की पूंजी काट काट कर के इसमें जमा करते थे आज उसकी स्थिति खराब है. यही बीजेपी के लोगों के विकास का मॉडल है.