फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के पहले दिन आम जनता को थोड़ी राहत मिली है. एक तरफ जहां घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. दूसरी तरफ कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में कटौती की गयी है. पेट्रोलियम कंपनियों ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम 91.50 रुपये तक घटा दिये हैं. जिसके बाद दिल्ली में 19 किलो के कमर्शियल सिलेंडर 2,028 रुपये में मिलेगा. वहीं कोलकाता में 2132, मुंबई में 1980 और चेन्नई में 2192.50 रुपये में कमर्शियल सिलेंडर बिक रहा है. रांची में 19 किलो वाले सिलेंडर की कीमत 1160.5 रुपये हो गयी है.
यहां इतने में मिलेगा कमर्शियल सिलेंडर
श्रीनगर में 1,219, दिल्ली 1,103, पटना 1,202, लेह 1,340, आइजोल 1255, अंडमान 1179, अहमदाबाद 1110, भोपाल 1118.5, जयपुर 1116.5, बैंगलोर 1115.5, कन्याकुमारी 1187, शिमला 1147.5, डिब्रूगढ़ 1145, लखनऊ 1140.5, उदयपुर 1132.5, इंदौर 1131, कोलकाता 1129, देहरादून 1122, विशाखापत्तनम 1111, चेन्नई 1118.5, आगरा 1115.5 और चंडीगढ़ में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1112.5 रुपये है.
रेस्टोरेंट और ढाबा में खाना-पीना हो सकता है सस्ता
बता दें कि कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटने से रेस्टोरेंट और ढाबा में खाना-पीना सस्ता हो जाता है. क्योंकि 19 किलोग्राम वाले सिलेंडर के दाम घटने से होटल और रेस्टोरेंट्स कारोबारियों की लागत घटेगी. जिसकी वजह से वो होटल और रेस्टोरेंट्स कारोबारी खाने-पीने की चीजों के दाम घटा सकते हैं. गौरतलब है कि कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को गैस की कीमतों को ऐलान करती हैं.
एक साल में 225 रुपये घटे कमर्शियल सिलेंडर के दाम
गौरतलब है कि मार्च में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 350 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी. वहीं घरेलू रसोई गैस के दाम में 8 महीने बाद 5 50 रुपये का इजाफा हुआ था. घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के विपरीत कॉमर्शियल गैस की दरों में उतार-चढ़ाव होता रहता है. 1 अप्रैल 2022 को दिल्ली में 19 किलो का कॉमर्शियल गैस सिलेंडर 2,253 रुपये में मिल रहा था. 1 अप्रैल 2023 को इसकी कीमतें 2,028 रुपये हो गयी हैं. पिछले एक साल में 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर के दाम में सिर्फ 225 रुपये घटे हैं.
लगातार घट रही सब्सिडी
एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी लगातार घट रही है. 2018-19 में एलपीजी पर 37,209 करोड़ दिया गया था. जो 2019-20 में घटकर 24,172 करोड़, 2020-21 में 11,896 करोड़ रुपये और 2021-22 में 1,811 करोड़ रह गयी है. इससे पता चलता है कि सरकार बीते चार सालों से एलपीजी पर देने वाली सब्सिडी में कटौती कर रही है.