मुख्यमंत्री हेमंत सोरने के नेतृत्व में झारखंड में विकास की गति पकड़ रहा है हेमंत सोरेन ने कहा विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है. विकास में कैसे बाधा आये, इसको लेकर वे लोग षडयंत्र रच रहे हैं. उन्होने कहा कहा कि देशभर में झारखंड सबसे पिछड़ा राज्य है. 2 वर्षों में गुजरात व यूपी आगे निकल गया है, लेकिन झारखंड पीछे रह गया. योजनाबद्ध तरीके से झारखंड को पीछे धकेला गया है. यहां के कोयले से दूसरे राज्य का कारखाना चल रहा है. लेकिन हमें आर्थिक, मानसिक व सामाजिक रूप से मजबूत नहीं होने दिया जा रहा है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. कई आपदाएं देखीं. 20 वर्षों इतनी चुनौती किसी सरकार के सामने नहीं आयी. महागठबंधन की सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोरोना ने झकझोर दिया. ऐसी स्थितियां बनीं कि लोग घरों में कैद होकर रह गये. 2 साल तमाम गतिविधियां ठप हो गयीं. अर्थव्यवस्था चौपट हो गया. लोगों के रोजगार चले गये. दुनिया थम सी गयी. समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा? लेकिन, हमने हार नहीं मानी.
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश पर देश का पिछड़ा राज्य होने का मुहर लगा है. यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव. डॉक्टरों का अभाव. लेकिन, हमारे प्रदेश में वैसी परिस्थितियां नहीं बनीं, जैसी अन्य राज्यों में थीं. कोरोना के दौरान हमने देखा कि जिन राज्यों में सारी सुविधाएं थीं, वर्ल्ड क्लास अस्पताल, डॉक्टर थे, वहां कोरोना के दौरान लोग जानवर की तरह मरने के लिए मजबूर थे. शवों को जलाने के लिए लकड़ी नहीं थी, दफन करने के लिए जमीन तक नहीं मिल रही थी. मजबूरन लोग अपने परिजनों की लाश को खुले मैदान में छोड़ देते थे. भयावह मंजर था. आज झारखंड के लोगो के
चेहरे पर आज खुशी साफ दिख रही है. लोगों ने 20 साल तक दमन और शोषण का दंश झेला है. सड़कों पर आये दिन धरना-प्रदर्शन होते रहते थे. तीन साल से हम जनता के साथ खड़े हैं. आगे भी खड़े रहेंगे. इसलिए लोगों को इस सरकार से आस है. उन्होंने कहा कि अभी लंबा सफर बाकी है. 20 साल में पहली बार यहां कुछ हलचल हो रही है. आज हमारे राज्य के बच्चे विदेशों में पढ़ने जाते हैं.
हेमंत सोरेन ने कहा कि रोजगार सृजन में, नौकरी के क्षेत्र में हमने बेहतरीन काम किये हैं. भविष्य में कई चुनौतियां आयेंगी, लेकिन हम उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हैं. हमने लक्ष्य तय कर रखा है. उसके अनुरूप काम कर रहे हैं. आज सरकारी कर्मचारी, किसान, मजदूर, नौजवान, शिक्षित सब खुश हैं. पहली बार खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई. जेपीएससी जैसे मकड़जाल में 20 सालों तक न जाने कितने बच्चों का भविष्य खराब हुआ, उन संस्थानों से महज 250 दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके बच्चों को बीडीओ, सीओ, कलेक्टर बनाकर तैनात किया. अब हमारे प्रदेश में बीपीएल परिवार के बच्चे बीडीओ, सीओ, कलेक्टर बनते हैं। हेमंत ने कहा कि राज्य सरकार झारखण्ड अस्मिता को सुरक्षित रखते हुए एक ऐसे राज्य क
निर्माण के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है जहाँ विकास में सभी वर्गों की भागीदारी हो तथा अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँच सके।