भारत में कोरोनावायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। 24 घंटों में देश में 5 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मिले हैं। कहा जा रहा है कि 6 महीनों में यह एक दिन में दर्ज किया गया सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस दौरान 6 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, इलाज करा रहे कोविड- 19 संक्रमितों की संख्या 25 हजार 587 पर आ गई है। झारखंड प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रांची के सदर अस्पताल में कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री बन्ना गुप्ता ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को निश्चित समयावधि के भीतर ही इलाज मिल सके, इसकी पूरी व्यवस्था की गई है। झारखंड में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, किसी भी प्रकार की परिस्थिति से निपटने के लिये राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है। मॉकड्रिल के बाद मंत्री बन्ना गुप्ता ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिये।मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से लाए गये डमी पेशेंट को ऑक्सीजन मास्क के साथ स्ट्रेचर पर कोविड डेडिकेटेड वॉर्ड में ले जाया गया। जहाँ उसका केजुएल्टी में रजिस्ट्रेशन कर आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर युक्त बेड तक पहुँचाया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्टॉप वॉच के जरिये टाइम रिकॉर्ड किया गया। मरीज को एम्बुलेंस से केजुएल्टी तक पहुँचाने में 2:59 मिनट और केजुएल्टी से आईसीयू में ले जाने में 6 मिनट से भी कम समय लगा।
मंत्री ने कहा कि झारखंड में कोरोना की स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में है। वर्तमान में मिले करोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। सभी मरीज होम आइसोलेशन में हैं और टेलीमेडिसिन से उन्हें निरंतर परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही उनकी स्थिति को रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से मास्क लगाने एवं भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की अपील भी की।
मंत्री बन्ना गुप्ता ने सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के मॉक ड्रिल का भी अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 2 हजार एलपीएम की है। प्लांट की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। मॉनीटरिंग के लिए जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। इस सिस्टम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिये अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिये हर माह ऑक्सीजन प्लांट में मॉकड्रिल किया जायेगा ।