राज्य के विभिन्न विभागों में स्वीकृत नियमित पदों के मुकाबले 2.87 लाख पद रिक्त हैं. यह कुल स्वीकृत नियमित पदों का 62% है. सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 4.66 लाख नियमित पद स्वीकृत हैं. इन स्वीकृत पदों के मुकाबले कुल 1.79 लाख कर्मचारी ही कार्यरत हैं. राज्य सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रिक्तियों का प्रतिशत औसत से अधिक है. झारखंड सरकार जल्द ही इन विभागों का नियुक्ति निकालने वाली है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल 41,956 नियमित पद स्वीकृत हैं. इसके मुकाबले सिर्फ 11,365 नियमित कर्मचारी ही कार्यरत हैं. यानी स्वास्थ्य के क्षेत्र में 73% पद रिक्त हैं. इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को मिल रही सुविधाओं का अनुमान लगाया जा सकता है. सरकार कई वर्षों से किसानों की आमदनी दोगुना करने के उद्देश्य से योजनाएं और घोषणाएं करती रही है. लेकिन, कृषि के क्षेत्र में भी कर्मचारियों के पदों की रिक्तियां 72% हैं. आंकड़ों के अनुसार, कृषि के लिए नियमित स्वीकृत पदों की संख्या 5,327 है. हालांकि, सिर्फ 1,441 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. ग्रामीण विकास विकास भी सरकार की प्राथमिकता क्षेत्र में शामिल है. हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग के लिए स्वीकृत पदों में से भी 53 प्रतिशत पद खाली हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, सरकार के राजस्व वसूली से जुड़े महत्वपूर्ण विभागों में भी 50% से अधिक पद खाली हैं. वाणिज्यकर विभाग के लिए स्वीकृत कुल नियमित पदों में से 55% पद खाली हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री कक्ष में झारनियोजन पोर्टल का शुभारंभ किया. श्रम नियोजन, परीक्षण एवं कौशल विकास विभाग की ओर से बनाए गएhttp:jharniyojan.jharkhand.gov.in पोर्टल के माध्यम से सरकार नियोक्ता एवं रोजगार ढूंढ रहे अभ्यर्थियों को प्लेटफॉर्म देने का प्रयास कर करेगी. पोर्टल पर नियोक्ता अपने व्यवसाय एवं उससे संबंधित मानव बल के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं. रोजगार के लिए अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन कर आवेदन भी भर सकेंगे. नौकरियों की इस बरसात में झारखंड में खुलने वाली तमाम प्राइवेट कंपनियों में बहालियों में 75 फीसद आरक्षण स्थानीय लोगों के लिए सुनिश्चित करवाना चाहती है। आज झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक में फैसले के बाद हेमंत सरकार इसके लिए विधानसभा में बिल लेकर आने की योजना पर काम कर रही है। सदन से बिल पास होने के बाद यह कानून का रूप लेगा लेकिन इसके पूर्व राज्य कैबिनेट की अनुमति आवश्यक होगी।
माना जा रहा है कि श्रम विभाग ने प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद नौकरियों स्थानीय लोगों को देने के लिए कैबिनेट में भेजे जाने वाला प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सरकार के बता रहे हैं कि स्थानीय लोगों को नौकरी देने वाले इस प्रस्ताव में 30 हजार रुपये महीने तक सैलरी वाली तमाम नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसद आरक्षण का प्रावधान लागू होगा। झारखंड में काम करने वाली जो कंपनियां इस नियम की अवहेलना करेंगी, उनके खिलाफ सरकार की ओर से कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि प्राइवेट सेक्टर में सरकार के 75 फीसद आरक्षण वाले नियम से प्राइवेट कंपनियों में लेखा कार्य से जुड़े कर्मी और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी स्थानीय होंगे। प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसद आरक्षण प्रस्ताव पर विधि विभाग, कार्मिक विभाग और वित्त विभाग की अनुशंसा प्राप्त करना |
जानकारी के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर आंध्रप्रदेश के फार्मूले पर विचार चल रहा है। इससे पहले आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने वाला कानून बनाया गया है। राज्य सरकार इस मामले में आंध्र प्रदेश के फॉर्मूले पर काम कर सकती है। आंध्र प्रदेश में स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी और प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। झारखंड सरकार यही प्रावधान प्रदेश में भी करने पर विचार कर रही है। बता दें कि आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का नियम बनाया गया है। राज्य के बेरोजगार युवक/युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से झारखंड सरकार द्वारा “झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021” पारित किया गया है, एवं अधिनियम के क्रियान्वयन से सम्बंधित नियमावली की अधिसूचना के बाद यह अधिनियम 12 सितंबर 2022 से सम्पूर्ण झारखंड राज्य में प्रभावी है. यह अधिनियम वैसे सभी प्रतिष्ठान जो निजी क्षेत्र के हों एवं जहां 10 या 10 से अधिक कार्यबल कार्य कर रहे हैं, उस पर लागू होता है. ऐसे सभी प्रतिष्ठानों को इस पोर्टल पर अपना निबंधन करवाना है. अधिनियम के प्रभावी होने के तिथि से वैसे सभी प्रतिष्ठान जिन पर यह अधिनियम लागू होता है. यदि कोई रिक्ति निकाली जाती है तो 40,000 रुपये वेतन तक के पदों की नियुक्ति में 75% स्थानीय (झारखंड) को नियुक्त करना होगा. झारखंड के युवा जो इस अधिनियम का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें रोजगार पोर्टल पर निबंधित होना होगा
मुखयमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक हो रही है, जिसमें इस बड़े फैसले पर मुहर लग सकती है। झारखंड सरकार राज्य के युवाओं पर मेहरबान है। एक बार फिर से स्थानीय लोगों की सुध लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार 30 हजार रुपये तक की किसी भी प्राइवेट नौकरी उनके लिए आरक्षित करने जा रही है।किस विभाग में कितनी रिक्तियां ,विभाग स्वीकृत पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।कृषि ,पशुपालन,सहकारिता
भवन निर्माण
मंत्रिमंडल सचिवालय
राज्यपाल सचिवालय
मंत्रिमंडल निर्वाचन
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नागर विमानन ,ऊर्जा ,उत्पाद ,वित्त, ऑडिट ,वाणिज्यकर ,
वन पर्यावरण ,कल्याण ,समाज कल्याण ,पंचायती राज ,स्वास्थ्य
उच्च शिक्षा, गृह ,उद्योग
श्रम नियोजन , पेयजल ,ग्रामीण विकास , तकनीकी शिक्षा,भू-राजस्व
पथ निर्माण ,नगर विकास में लाखो नियोक्ति आने वाली है।