आदिवासी, दलित, पिछड़ों व गरीबों को बेहतर शिक्षा देने की ओर बढ़े सीएम सोरेन

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दो कमरों में शिक्षा देने की रुढ़िवादी व्यवस्था को सीएम सोरेन बदल दिया

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हम गरीबों को बेहतर शिक्षा देने की बात करते हैं। आदिवासी, दलित, पिछड़ों को अच्छी शिक्षा देने की बात करते हैं। लेकिन जो दो कमरों में शिक्षा देने की व्यवस्था पूर्व से चली आ रही है। वह कहीं न कहीं प्रति मजाक उड़ाने जैसा है। आज उससे अलग हटकर सरकार ने बेहतर शिक्षा के लिए उत्कृष्ट विद्यालयों को निजी स्कूलों के तर्ज पर विकसित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार कार्य कर रही है। बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। बच्चे ड्रॉपआउट न हों, इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है, इसके साथ- साथ एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर हमारी सरकार आयी है। बच्चों को पैसे को लेकर शिक्षा में दिक्कत ना पहुंचे, इसलिए यह योजनाएं सरकार लेकर आयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल से निकलने के बाद इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, जज बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों का सरकार सभी खर्च उठाएगी। मुख्यमंत्री ने बच्चियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आप सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें. आपकी पढ़ाई का खर्च सरकार उठायेगी. सरकार ने छात्रवृत्ति की राशि में भी बढ़ोतरी कर दी है. आप मेडिकल इंजीनियरिंग आदि की तैयारी करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी सरकार आर्थिक सहयोग दे रही है. यूपीएससी, जेपीएससी, एसएससी बैंकिंग और रेलवे जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोचिंग का भी खर्च सरकार वाहन करेगी. इतना ही नहीं आपके मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर जो खर्च आएगा, उसे भी सरकार देगी. विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार शत-प्रतिशत आर्थिक सहयोग दे रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अब गरीब के बेटा-बेटी भी बेहतर शिक्षा के हकदार होंगे और अपने सपनों को साकार करेंगे। इसके लिए राज्य के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड कर निजी से भी बेहतर बनाया जा रहा है।

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