समाज, राज्य व देश के विकास में स्थानीय भाषा की अहम भूमिका -सीएम हेमन्त

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भाषा विचारों को व्यक्त करने का एक प्रमुख साधन है। भाषा मुख से उच्चारित होने वाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है, जिनके द्वारा मन की बता बतलाई जाती है। भाषा की सहायता से ही किसी समाज विशेष या देश के लोग अपने मनोगत भाव अथवा विचार एक-दूसरे पर प्रकट करते हैं। दुनिया में हजारों प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं। हर व्यक्ति बचपन से ही अपनी मातृभाषा या देश की भाषा सेतो परिचित होता है लेकिन दूसरे देश या समाज की भाषा से नहीं जुड़ पाता। भाषा विज्ञान के जानकारों ने यूं तो भाषा के विभिन्न वर्ग स्थापित करके उनमें से प्रत्येक की अलग-अलग शाखाएं बनाई हैं यथा, हमारी ही भाषा, भाषा विज्ञान की दृष्टि से भारतीय आर्य शाखा की एक भाषा है।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सभी भाषा और संस्कृति की अपनी अलग अहमियत है। इससे उस भाषा से जुड़े समुदाय को अलग पहचान मिलती है। इसे संरक्षित और आगे बढ़ाना हम सभी की जिम्मेवारी है। भाषा की पकड़ जितनी मजबूत होगी उतना ही मजबूत हमारा समाज और राज्य होगा। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी भाषा और
संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की जो संरचना है उसने अलग-अलग भाषा और संस्कृति का व्यापक प्रभाव है। हमारी सरकार भाषा और संस्कृति के साथ राज्य को आगे ले जाने का लगातार प्रयास कर रही है। यहां रहने वाले हर समाज को मान-सम्मान के साथ जीने का मौका मिले इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 10 से ज्यादा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है। यहां के ग्रामीण परिवेश में हिंदी से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती है

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