मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांके के कदमा में बने रांची कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि काफी वर्षों से झारखंड के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी चीजें आई लेकिन जो कैंसर से संबंधित स्वास्थ्य सुविधा है वह इस प्रदेश में लगभग नहीं के बराबर है। सरकार बनने के बाद से ही हम लोगों ने इस संदर्भ में लगातार प्रयास किया। इस समस्या से ग्रसित लोग दूसरे राज्यों की ओर बड़े तादाद में जाया करते थे। अलग-अलग माध्यमों से हम लोगों ने भी कई लोगों को दूसरे राज्यों में कैंसर के इलाज के लिए भेजा। इसी क्रम में सरकार के अंदर राज्य में कैंसर अस्पताल किस तरह बने और चले और बेहतर सुविधाओं के साथ कैसे चले इसका प्रयास जारी था। वो दिन आज हमारे सामने यहां पर भव्य कैंसर अस्पताल रूप में बनकर खड़ा है और आज यह जनता को समर्पित किया जा रहा है और मुझे लगता है यह यह अस्पताल इस राज्य के लिए एक माइलस्टोन होगा। यह केवल अस्पताल ही नहीं यह रिसर्च सेंटर भी होगा और मैं चाहूंगा इस रिसर्च सेंटर की भी शुरुआत हो। मैं टाटा से यह गुजारिश भी करूंगा यह रिसर्च सेंटर हम लोगों के देश के लिए भी एक माइलस्टोन बने। इस प्रकार से इस राज्य को आगे बढ़ाने का प्रयास हो। मैंने कई स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समय-समय पर इसकी जानकारी और इस विषय पर कैसे-कैसे योजनाएं बनाई जाए। इस पर चर्चा करता रहता हूं। आगे उन्होंने कहा कि आपको शायद पता ना हो इस देश में कैंसर समस्या से ग्रसित कई ऐसे राज्य हैं जहां पर कैंसर के इलाज के लिए लोगों को आने जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाती है। पंजाब जैसे राज्यों में कई ट्रेनें सिर्फ कैंसर पीड़ितों को आवागमन की सुविधाएं उपलब्ध कराती है और यह आज मैं देख रहा हूं कि कैंसर की तादाद काफी तेजी से बढ़ रही है और इस विषय पर कहीं ना कहीं स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम करने की आवश्यकता है। अभी आप लोगों ने देखा कि हम लोगों ने एयर एंबुलेंस की सुविधा सीधा की शुरुआत की। मुझे उम्मीद नहीं थी हालांकि सरकार ने न्यूनतम दर पर जिसे कम से कम आर्थिक बोझ पड़े लोगों पर उस आधार पर यह सेवा शुरू किया गया। और सरकार का यह संकल्प भी है की गरीब हो मध्यवर्गीय हो या पैसे वाले हो स्वास्थ्य सुविधा को लेकर कोई घटना ना घटे । राज्य में अगर कोई ऐसा मरीज होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर होगा तो उनको भी हम लोग एयरलिफ्ट कर अच्छे अस्पताल में ले जाने का प्रयास करेंगे।
यह कैंसर अस्पताल 25 एकड़ में बना हुआ है और मुझे लगता है धीरे धीरे और भव्य रुप लेगा। और कल ही हम लोगों ने मेडिको सिटी का भी रोडमैप में बनाया है जो सुकुहुट्टू के पास भव्य मेडिको सिटी का भी आधारशिला रखा जाएगा। जहां समाज से जुड़ी और भी कई चीजों को जोड़ने का सरकार का यह संकल्प है और निश्चित रूप से धीरे-धीरे झारखंड में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हो जो हम लोग अगल-बगल के राज्यों में जाने की जरूरत पड़ती थी वह कहीं ना कहीं उसमें कमी आएगी। आज इस अस्पताल में जो मशीनें हैं इस सारी मशीनें वर्ल्ड क्लास मशीनें हैं और अभी स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिन- जिन मशीनों का जिम इक्विपमेंट्स की आवश्यकता है। वह सारे धीरे-धीरे बड़ी तकनीकी रूप ले रही है। आर्य लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ कैंसर अस्पताल आम लोगों को समर्पित किया जा रहा है। अभी हाल के दिनों में ही हम लोगों ने भी रांची के रिम्स में वर्ल्ड क्लास मशीनें लगाई गई हैं। और वहां भी लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा रहा है। आप खबरों में पढ़ा करते होंगे कि काफी क्रिटिकल सर्जरी अभी संभव हो पा रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ करता था जो निश्चित तौर पर हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है। और यह टाटा समूह के सहयोग से संभव हो पाया है। मैं बहुत शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। धन्यवाद देना चाहता हूं और यह भी वादा करना चाहता हूं कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में और इस राज्य के समग्र विकास में टाटा समूह को और भी किसी चीज की सहयोग की आवश्यकता होगी सरकार कदम से कदम मिलाकर चलेगी और सरकार बेहतर से बेहतर करने की ओर प्रयास करेगी।
रांची सहित राज्य भर के कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए मुबंई, दिल्ली व चेन्नई जैसे बड़े महानगरों में नहीं जाना होगा। महानगरों जैसी सुविधा अब रांची में ही मरीजों को मिलने वाली है।टाटा कंपनी की ओर से संचालित होने वाले इस अस्पताल के निर्माण पर करीब चार सौ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।इस अस्पताल का शिलान्यास 10 अक्तूबर, 2018 में हुआ था। जानकारी के अनुसार रिनपास की जमीन पर एक साल पहले ही यह अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। फिलहाल यहां ओपीडी चलाया जा रहा है। यहां अभी मरीजों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर 135 रुपये लिया जा रहा। मतलब फिलहाल ओपीडी के अलावा मरीजों को कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है। लेकिन उद्घाटन के बाद मरीजों को कई आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। अस्पताल में फिलहाल 82 बेड उपलब्ध है। इसमें से 50 फीसटी बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रहेगा। बताते चलें कि अस्पताल को लेकर मिली जानकारी के अनुसार 14 ऑपरेशन थियेटर और 28 बेड का आईसीयू के भी रहने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि जरूरतमंद लोगों के लिए यहां आवासीय परिसर का निर्माण भी कराया जाएगा।